बनारस में अनोखा अक्षर स्कूल, 88 वर्ष की छात्रा और 7 वर्ष की मैडम

0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक अनोखे स्कूल की शुरुआत हुई है। इस स्कूल में 88 साल की स्टूडेंट हैं तो उन्हें पढ़ाने वाली मैडम की उम्र सिर्फ 8 साल। सुनने में आपको अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच्चाई है। दुनियां के पटल पर साहित्य के लिये जाना जाने वाला लमही गांव अभी भी निरक्षरता से जूझ रहा है, लेकिन अब अक्षर स्कूल दादी और नानी न सिर्फ साक्षर बनेगी, बल्कि मोबाइल और इन्टरनेट चलाना भी सीखेंगी। ये सब कुछ ही रह है विशाल भारत संस्थान की मदद से जहां के 5 से 13 वर्ष के बच्चे साक्षरता की अलख जगाने के लिए आगे आये हैं।

अक्षर स्कूल का संचालन विशाल भारत संस्थान के 5 वर्ष से 13 वर्ष के बच्चे करेंगे। 13 वर्षीय शालिनी भारतवंशी अक्षर स्कूल की प्रधानाध्यापिका एवं 7 वर्षीय दक्षिता भारतवंशी उप प्रधानाध्यापिका नियुक्त की गयीं। अब प्रतिदिन सुभाष भवन में निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए कक्षा चलायी जायेगी। जो बुजुर्ग महिलायें चलने-फिरने में असक्षम हैं, बच्चे उनके घर जाकर साक्षर बनायेंगे। बिना सरकारी मदद के चलने वाला अक्षर स्कूल 15 दिन का क्रैष कोर्स चलाकर दादा-दादी को पढ़ाना और हस्ताक्षर करना सिखा देगा। जब अक्षर ज्ञान हो जायेगा तो बुजुर्ग महिलाओं को मोबाइल चलाने का भी प्रशि क्षण दिया जायेगा। बुजुर्ग महिलाओं-पुरूषों को साक्षर बनाकर पूरे लमही गांव को सम्पूर्ण बना दिया जायेगा। अक्षर क्रांति से बुजुर्गों के जीवन में परिवर्तन आयेगा और वे पढ़कर अपनी समझ विकसित करेंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार विनय सिंह ने कहा कि ‘अक्षर क्रांति से बुजुर्ग महिलाओं और पुरूर्षों को निरक्षरता की आत्मग्लानि से बचाया जा सकता है। पढ़ना सीख लेंगे तो कोई भी परिचित या रिश्तेदार उनसे धोखे से किसी गलत दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करवा पायेगा। बैंक से पैसा निकालना हो या अपनी प्राॅपर्टी खरीद-फरोख्त करनी हो, उनको पढ़ना आयेगा तो उनके साथ धोखा नहीं होगा। साक्षर होना जरूरी है, अब नये भारत में अंगूठा लगाने की प्रथा कलंक के समान है। अक्षर स्कूल इस अंगूठा लगाने की प्रवृत्ति पर लगाम लगायेगा।’

ये भी पढ़ें: मंदी से बनारसी साड़ी उद्योग पर लगा ग्रहण, आधे पर सिमटा कारोबार

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More