केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया फॉरेन ट्रेड पॉलिसी, समझिए पॉइंट में

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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को फॉरेन ट्रेड पॉलिसी यानि विदेश व्यापार नीति प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पेश की. ये पॉलिसी 1 अप्रैल से लागू होगी. इस पालिसी का मकसद है कि देश में धंधा-पानी अच्छे से चले और बढे. लोगों कि आमदनी बढ़े और महंगाई कम हो. इसीलिए फॉरेन ट्रेड यानि विदेशी व्यापार को बढ़ाना बहुत जरूरी है. इसके लिए अब मोदी सरकार एक नई विदेश व्यापार नीति ला रही है.

क्या है नई विदेश व्यापार निति…

सरकार का फोकस विदेशी पूंजी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और खर्चों में कटौती कर कंपनियों के लिए एक्सपोर्ट ज्यादा से ज्यादा सस्ता बनना है। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्यों के साथ-साथ जिलों में भी एक्सपोर्ट के लिए कदम उठाएगी। साथ ही, नई स्कीम्स भी शुरू करने की तैयारी है.

नई पॉलिसी का दूसरा सबसे अहम हिस्सा है डिज़िटाइजेशन…

सरकार एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम्स को पूरी तरह से पेपर लेस (सबकुछ ऑनलाइन) बनाएगी। विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) को लेकर बड़े कदम उठाएगा। नए टूल के लिए एक ही जगह से सभी अप्रूवल आ जाएंगे।

रुपए में बिजनेस…

भारत अब पूरी तरह से लेन देन की प्रक्रिया को रुपए में करने का प्लान है. मालूम हो अभी इंटरनेशनल मार्केट में ट्रेड करने के लिए अमेरिकी डॉलर की जरूरत होती है। जिस प्रक्रिया में पहले रुपए को डॉलर में बदला जाता है फिर उसके बाद किसी भी देश के साथ लेन देन होता है। हालांकि, भारत ने कई देशों के साथ उनकी करेंसी में कारोबार करने के लिए समझौते किए हुए है। ईरान और रूस के साथ भी ऐसा ही करार है। अब भारत का फोकस रुपए में ही ट्रेड करने पर है। ऐसे में रुपए को बढ़ावा मिलेगा।

टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस…

एक्सपोर्ट एक्सीलेंस के तहत सरकार शहकों को बिजनेस हब बनाना चाहती है। केंद्र सरकार ने नई फॉरेन ट्रेड पॉलिसी में 4 और शहरों को एक्सपोर्ट एक्सीलेंस सिटी का दर्जा दिया है। इस लिस्ट में वाराणसी, मिर्जापुर, फरीदाबाद और मुरादाबाद शामिल हो गए है। जिन शहरों को एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाता है उन्हें कुछ खास सुविधाएं भी दी जाती हैं। केन्द्र और राज्य सरकारें ऐसे शहरों में उद्योगों को और ज़्यादा बढ़ावा देने के लिए खास पैकेज देती हैं। सबसे ज़्यादा एक्सपोर्ट करने वाली खास इंडस्ट्री को सरकार की ओर से तरजीह मिलती है। कारोबारियों की हर छोटी-बड़ी समस्या पर फौरन सुनवाई होती है। एक्सपोर्ट के लिहाज से इलाके को उसी के अनुसार तैयार किया जाता है।

कई सेक्टर्स को बढ़ावा देने की तैयारी…

पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क्स एडिशनल स्कीम के तहत कई सेक्टर्स को ज्यादा फायदा देने की तैयारी है। साथ ही, सरकार ने डेयरी सेक्टर्स के को बढ़ावा देने के लिए एवरेज एक्सपोर्ट शर्तों से डेयरी सेक्टर को छूट दी गई है।

कूरियर के जरिए एक्सपोर्ट की सीमा बढ़ाई गई है। पहले कूरियर एक्सपोर्ट सीमा 5 लाख कंसाइनमेंट थी। कूरियर एक्सपोर्ट सीमा बढ़ाकर 10 लाख कंसाइनमेंट कर दी गई है। सरकार ने साल 2030 तक ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट $20-$30k करोड़ का लक्ष्य रखा है। FY23 में एक्सपोर्ट $77,000 करोड़ होने का अनुमान है।

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