केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने कार्यकर्ताओं के लिए मांगा 50-50 लाख का मुआवजा, बोले- हो सकती थी बेटे की हत्या
लखीमपुर खीरी में किसानों की मौतों के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर है। रविवार को किसान प्रदर्शन के दौरान हुए इस हादसे के बाद यूपी राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ है। सभी पार्टियों के नेता लखीमपुर जाकर किसानों से मिलना चाहते हैं।
प्रियंका गांधी को सीतापुर में पुलिस हिरासत में ले लिया गया था। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी जाने से रोका गया तो वो सड़क पर ही धरने पर बैठ गए थे, जिसके बाद उनको हिरासत में ले लिया गया था।
अजय मिश्रा ने रखा अपना पक्ष-
लखीमपुर खीरी हिंसा पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा, ‘वीडियो में स्पष्ट है कि कुछ लोग मार रहे हैं और ये भी कह रहे हैं कि तुम मंत्री जी का नाम लो। मेरी गाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही थी, शायद उन्होंने उसे देखकर ये समझा हो कि मेरा बेटा उसमें है। उसकी हत्या करने के लिए भी ये हमला हो सकता है।’
आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मांग है कि जो कार्यकर्ता मारे गए हैं उन्हें 50-50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए और इस घटनाक्रम की जांच हो। हमारे कार्यकर्ता मरे हैं, हमने तहरीर दे दी है। हम हर जगह पूछताछ के लिए तैयार हैं, हमें कानून पर विश्वास है।
क्या है मामला-
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हुई है। बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हुई हिंसा में देर रात तक एक पत्रकार की भी मौत हो गई है।
किसान नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई, जिसकी वजह से चार किसानों की मौत हो गई।
इस मामले में किसानों की तहरीर पर केंद्रीय मंत्री के बेटे सहित 14 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना से पूरे इलाके में तनाव है और धारा 144 लागू कर लिया गया है।
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