विधेयक को एक दिन में पारित नहीं करना एक अच्छा सिद्धांत है : जेटली

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का राज्यसभा के सभापति के तौर पर स्वागत किया। जेटली ने कहा कि ऊपरी सदन के सदस्य के तौर पर उनका अनुभव राज्यसभा के प्रभावी संचालन में मददगार साबित होगा। जेटली ने राज्यसभा में नायडू को संबोधित करते हुए कहा, “आपको सदन के सदस्य के तौर पर करीब 20 सालों का अनुभव है। चूंकि आप लंबे समय से सदस्य रहे हैं तो आप स्पष्ट तौर पर परंपरा, संस्कृति व सदन के कार्य के तरीके को जानते हैं।”

संसद की प्रासंगिकता को पृष्ठभूमि में धकेल दिया गया है

नायडू ने शुक्रवार को एम. हामिद अंसारी से कार्यभार संभाला, जिनका उप राष्ट्रपति के तौर पर दूसरा कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हुआ। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नए उप राष्ट्रपति को पद की शपथ दिलाई।जेटली ने कहा कि ऐसा कई बार हुआ है कि संसद की प्रासंगिकता को पृष्ठभूमि में धकेल दिया गया है। उन्होंने कहा, “विधेयक को एक दिन में पारित नहीं करना एक अच्छा सिद्धांत है। इस सिद्धांत का 2014 के बाद से कड़ाई से पालन किया गया है। 2014 से पहले इस तरह का कोई सिद्धांत नहीं था।”

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संतुलित कार्य किया जाना चाहिए

संसद के बहस और चर्चा करने के लिए एक वैध मंच होने का उल्लेख कहते हुए उन्होंने कहा, “विपक्ष या दूसरे सदस्यों द्वारा जनहित के मामलों को उठाए जाने पर उसे उचित समय दिया जाना चाहिए, लेकिन एक संतुलित कार्य किया जाना चाहिए।”

सदन को अच्छी तरह से संचालित करने में सक्षम होंगे

उन्होंने कहा, “चर्चाओं को समय दीजिए, लेकिन सरकार के कार्य के लिए भी कुछ समय दें। आप (नायडू) दोनों के बीच एक संतुलन बना सकेंगे। इस तरह के संतुलन के साथ हम सदन को अच्छी तरह से संचालित करने में सक्षम होंगे।”

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