बिल्डर गिरफ्तार, अफसर नहीं कसूरवार ?

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ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में बीती रात एक निर्माणाधीन छह मंजिला बिल्डिंग के गिर जाने से तीन लोगों की मौत हो गई। निर्माणाधीन बिल्डिंग के गिरने से उसका मलबा बगल की दूसरी बिल्डिंग पर भी भरभरा कर गिर गया जिससे उसमें रह रहे लोग भी मलबे में दब गए और पुरानी बिल्डिंग भी जमींदोज हो गई। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम, डॉग स्क्वाड समेत भारी मात्रा में पुलिस बल राहत व बचाव कार्य में लग गयी है।

पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार

बिल्डिंग गिरने के मामले में कोतवाली बिसरख पुलिस ने ब्रोकर दिनेश, संजीव और बिल्डिंग के मालिक गंगा शंकर दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों गिरफ्तार (arrested) आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। लेकिन क्या इस हादसे के लिए सिर्फ मालिक और ब्रोकर ही जिम्मेदार हैं?

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आखिर उन अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है जिन्होंने इस बिल्डिंग का नक्शा पास किया होगा या फिर ऐसे पॉश एरिया में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के इतनी बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही थी और अधिकारियों को इस बात की खबर नहीं थी कि अगर कोई अनहोनी हो जाए तो आासपास के लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी?

ये था मामला…

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में मंगलवार रात दो इमारतें भरभराकर गिर गईं। बताया जा रहा है कि शाहबेरी में निर्माणाधीन बिल्डिंग के बगल में पहले से ही एक बिल्डिंग बनी हुई थी जिसमें कुछ परिवार रह रहे थे। निर्माणाधीन इमारत पुरानी इमारत पर गिर गई और दोनों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। पुरानी इमारत में कुछ परिवार रह रहे थे। नई इमारत में मजदूर सो रहे थे। इस दुर्घटना से दोनों इमारतों में सो रहे लोग फंसे हुए हैं।

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हादसे में अभी तक 3 लोगों की मौत हुई है। एनडीआरएफ की टीम के साथ डॉग स्क्वॉड की टीम भी मौके पर बचाव कार्य में जुट गई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 12 एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद हैं।

नियमों को ताक पर रखकर बनी थी इमारतें

सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि दोनों इमारतों का निर्माण ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के नियमों को ताक पर रखकर किया गया था। यह मामला  बिसरख क्षेत्र के शाहबेरी गांव का है।

अब इस हादसे के बाद कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं…

ग्रेनो अथॉरिटी ने इलाके में निर्माण पर रोक लगा रखी है, रोक के बाद भी कैसे हो रहा निर्माण कार्य?

इलाके में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण कैसे हुआ?

क्या बिल्डिंग बनाने के लिए ग्रेनो अथॉरिटी की NOC थी?

हादसे में मौत की कौन लेगा जिम्मेदारी?

अवैध जगहों पर फ्लैट बनाकर कैसे बेचे जा रहे हैं?

बिना पूरी बिल्डिंग तैयार हुए कैसे शिफ्ट हुआ परिवार?

बेईमान बिल्डर्स पर क्या होगी कार्रवाई?

ग्रेटर नोएडा में किसानों की जमीनों पर कैसे बन रहे फ्लैट?

बन रहे फ्लैट की गुणवत्ता के मानक क्या होते हैं?

सीएम के ऑनलाइन पोर्टल पर की गई थी शिकायत, नहीं हुई सुनवाई

बता दें कि फरवरी महीने में ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी ग्राम की प्रथम अवैध बहुमंजिली खोड़ा कॉलोनी के संदर्भ में सीएम के ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत की गई थी। हैरान करने वाली बात यह है कि शिकायत की स्थिति अभी तक लंबित है। जिस पर कोई सुनवाई नहीं की गई और न ही कोई कार्रवाई की गई।

ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि अगर शिकायतकर्ता की ओर से की गई शिकायत को गंभीरता से लिया जाता और उस पर कार्रवाई की जाती तो शायद इस बड़े हादसे को रोका जा सकता था… तो शायद यह हादसा न होता…न ही इस हादसे से किसी की जान जाती… और न ही कोई घायल होता…।

हालांकि इस मामले में बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन उन अधिकारियों पर कब कार्रवाई की जाएगी, जो इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं…?

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