ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन ने किया बीएचयू का दौरा

संभावित सहयोग को लेकर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन से चर्चा

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है यह कोई साधारण अध्याय नहीं बल्कि दुनिया के सबसे सशक्त देश ब्रिटेन के साथ मिलकर लिखेगा। जी 20 की बैठक में शामिल होने आए ब्रिटेन के कला विरासत संस्कृति, मीडिया एवं खेल विभाग के मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचे। इस दौरान ब्रिटेन के मंत्री का स्वागत काशीयाना अंदाज में किया गया अतिथि देवो भव: की तर्ज पर मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन का स्वागत बीएचयू के वीसी प्रो. सुधीर कुमार जैन ने किया। ब्रिटेन के मंत्री और वीसी के बीच एक लंबी बैठक का दौर भी चला इस बैठक में भारत और ब्रिटेन के बीच शैक्षणिक संस्थानों को बेहतर बनाने को लेकर चर्चाएं हुईं।

BHU के साथ सहयोग के प्रति आशान्वित- मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन

ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड पार्किन्सन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से साझेदारी कर रहे हैं। बीएचयू के साथ सहयोग बढ़ाकर मैं इस साझेदारी को और आगे ले जाने के प्रति आशान्वित हूं। इस महान विश्वविद्यालय में आना एक सुखद अनुभव है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की विशेषताओं, विशेषज्ञता तथा समृद्ध विरासत को रेखांकित करते हुए ब्रिटिश मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन में कई ऐसे प्रतिष्ठित व उत्कृष्ट संस्थान है, जो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को सहयोग व साझेदारी के शानदार अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने आने वाले कुछ हफ्तों में भारत में आयोजित होने वाली ब्रिटिश व भारतीय कुलपतियों की बैठक में शामिल होने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को भी आमंत्रित किया।

बैठक में ब्रिटिश काउंसिल, भारत  के शीर्ष पदाधिकारी तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। दोनों पक्षों ने रंगमंच, कला, डिज़ाइन, संगीत, नृत्य, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम समेत अनेक ऐसे विषयों पर विचारों का आदान प्रदान किया जिनमें सहयोग के अवसर हैं।

ब्रिटिश विशेषज्ञों की मेज़बानी में BHU  को होगी प्रसन्नता 

बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अनेक क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान होता है। मंच एवं कला, दर्शन, संस्कृति, विरासत, पुरातत्व एवं प्राकृतिक चिकित्सा ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें बीएचयू की विशेषज्ञता अतुलनीय है ऐसे में इस संस्थान में शोध व अध्ययन की अपार संभावनाएं हैं। पारस्परिक सहयोग के तहत ब्रिटिश विशेषज्ञों, शिक्षाविदों की मेज़बानी करने में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को प्रसन्नता होगी। कुलपति ने सुझाव दिया कि ब्रिटिश काउंसिल की ओर से ऐसे नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम तैयार किये जा सकते हैं  जिनसे विश्वविद्यालय के सदस्य प्रशिक्षित और लाभान्वित हों।

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