वाराणसी के डीआरएम आफिस और अन्य स्थानों से वाहन चुरानेवाले दो शातिर चोरों को शुक्रवार को सिगरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके पास से चोरी की 9 मोटरसाइकिलें बरामद किया है. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस के हत्थे चढ़े इन शातिर चोरों में रूपेश शुक्ला वाराणसी के डीआरएम आफिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का प्राइवेट वाहन चालक भी रह चुका है. इसलिए वह डीआरएम आफिस और आसपास की गतिविधियों के बारे में बखूबी जानकारी रखता था. वाहन चोरी करने और कराने में उसी की भूमिका रहती थी, लेकिन जल्दी लोग उस पर संदेह नही कर पाते थे.
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पुलिस ने बताया कि पकड़े गये चोरों में रूपेश शुक्ला लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र के घुरघुरी तालाब मोहनरोड सिटी का मूल निवासी है. वह भुल्लनपुर के चक्रवर्ती नगर में किराये का आवास लेकर रहता था. दूसरा चोर आशीष कुमार गुप्ता उर्फ सोनू लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र के पांडेयपुर नई बस्ती का रहनेवाला है. पुलिस इनकी काफी दिनों से तलाश कर रही थी. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने इन्हें कैंट स्टेशन मोड़ मालगोदाम रोड के पास से गिरफ्तार किया.
भाड़े की चार पहिया चलाता है रूपेश
पुलिस के अनुसार पूछताछ में रूपेश शुक्ला ने बताया की वह भाड़े की चार पहिया गाड़ी चलाता है. इसमें उसे वेतन बहुत कम मिलता है. लेकिन उसकी लाइफस्टाइल हाईप्रोफाईल है. वह अपनी शान-शौकत को पूरा करने के लिए वाहन चोरी करने लगा. चोरी के इस धंधे में आशीष उसका सहयोगी मिल गया. इसके बाद दोनों ने डीआरएम आफिस समेत शहर के विभिन्न स्थानों से कई मोटरसाइकिलें उड़ाईं. उसने बताया कि वह और आशीष मोटरसाइकिल चुराकर उसे छुपा देते हैं. इसके बाद उसे किसी वाहन से आसपास के जिलों में जाते हैं. वहीं ग्राहक खोजकर उसे बेच देते हैं. जो पैसा मिलता है उसे दोनों आपस में बांट लेते हैं. दोनों ने पुलिस को उन लोगों के नाम भी बताए हैं जिन्हें वह इससे पहले चोरी के वाहन बेच चुके हैं. इन्हें गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक राज बहादुर मौर्य, एसएसआई विवेक कुमार त्रिपाठी, एसआई देवेंद्र कुमार गुप्ता, रणजीत श्रीवास्तव, कांस्टेबल रामभवन राजभर, कर्मजीत यादव, शिवकृपा शुक्ला, हेड कांस्टेबल संतोष कुमार रहे.