ब्रह्मोस का दूसरा सफल परीक्षण, सेना की बढ़ी ताकत

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भारतीय सेना ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन ब्रह्मोस ब्लॉक-3 जमीन आधारित क्रूज मिसाइल का अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में सफल परीक्षण किया। क्रूज मिसाइल का परीक्षण मंगलवार को भी किया गया था। सेना ने कहा कि मिसाइल ने कॉपीबुक तरीके से सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए सफलतापूर्वक लक्ष्य पर हमला किया।

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सेना ने कहा, यह लगातार पांचवां मौका है, जब ब्रह्मोस के ब्लॉक-3 संस्करण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है और भूमि पर हमला करने के मामले में इसकी श्रेणी के किसी अन्य हथियार ने अभी तक यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल नहीं की है।

रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक, “लगातार सफलतम परीक्षण ने दुर्जेय हथियारों से मार करने की देश की क्षमता को और मजबूत किया है। 2 मई, 2017 को इसी स्थान से लंबी-दूरी तक मार करने वाले सामरिक हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। बयान के मुताबिक, “सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का यह सफलतापूर्वक परीक्षण, मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर्स (एमएएल) से पूर्ण परिचालन अवस्था में जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में अपनी पूर्ण क्षमता के साथ किया गया।

उच्च स्तर और जटिल युद्धाभ्यासों को आयोजित करते समय कॉपीबुक तरीके से सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए, बहु भूमिका वाली मिसाइल ने जमीन आधारित निर्धारित लक्ष्य पर वांछित सटीकता के साथ सफलतापूर्वक हमला किया। दोनों ही परीक्षणों के दौरान लक्ष्य पर हमले करने के मामले में मिसाइल की सटीकता एक मीटर से भी कम रही।

सेना के मुताबिक, “वर्ष 2007 में ब्रह्मोस को अपनाने वाली दुनिया की पहली थल सेना की उपलब्धि पाने वाली भारतीय सेना इस दुर्जेय हथियार की कई अन्य श्रेणियों को विकसित कर चुकी है। इस मिसाइल को संयुक्त रूप से भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओएम द्वारा विकसित किया गया है।

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