जोधपुर अस्पताल में ब्लू व्हेल गेम पीड़िता का इलाज

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घातक ऑनलाइन ब्लू व्हेल गेम के भाग के रूप में दो बार खुदकुशी का प्रयास कर चुकी 17 वर्षीय एक किशोरी का जोधपुर के निजी अस्पताल में इलाज हो रहा है

उसकी सेहत पहले से बेहतर है। डॉक्टर के.आर. डॉकिया ने गुरुवार  को बताया, “उसे मंगलवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने सोमवार रात कैलाना झील में कूदने से पहले मरकरी की कुछ गोलियों का सेवन किया था।

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पीड़िता की हालत में सुधार

उन्होंने कहा कि उसे आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती किया गया था और अब हालत में सुधार होने पर उसे सामान्य वार्ड में स्थानंतरित कर दिया गया है।

लोगों को इस गेम के जाल में नहीं फंसना चाहिए

डॉक्टरों के मुताबिक, लड़की अब कह रही है कि लोगों को इस गेम के जाल में नहीं फंसना चाहिए।सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत कर्मी की बेटी ने डॉक्टरों से कहा कि किसी को यह गेम डाउनलोड करने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए, खेलना तो दूर की बात है।

10वीं कक्षा की छात्रा ने चाकू से अपने हाथ पर ब्लू व्हेल की छवि बनाई जो कि गेम की 50 चुनौतियों में से एक थी।

एक लड़की रात के 11 बजे यह क्या कर रही है

लड़की को पानी से बाहर निकालने वाले ठेला चालक ओम प्रकाश ने कहा, “मैंने देखा कि एक लड़की स्कूटी से झील के चारों ओर चक्कर लगा रही है। रात 11 बजे यह देखकर मुझे शक हुआ। मैंने उसका पीछा किया और उसने अचानक झील में छलांग लगा दी। मैं भी तुरंत झील में कूद गया।

जब प्रकाश ने उसे पूछा कि वो क्यों अपनी जिंदगी खत्म करना चाहती है तो उसने कहा कि अगर वह ‘टास्क’ को पूरा करने में नाकामयाब रही तो गेम के प्रंबधक उसकी मां की हत्या कर देंगे।

ब्लू व्हेल गेम ने किशोरों को अपना निशाना बनाया हुआ है और उन पर कई खतरनाक गतिविधियां करने का दबाव बनाया जा रहा है। आखिर में उन्हें खुदकुशी करने के लिए बाध्य किया जाता है। इस गेम ने दुनिया भर में कई जानें ली हैं।

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