नए साल पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रोक…
लागू होगा सावन प्रोटोकॉल
वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल पर भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सावन जैसा प्रोटोकॉल लागू करने का निर्णय लिया है. जिस प्रकार सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष प्रोटोकॉल लागू हुआ था. उसी तरह इस दौरान सभी प्रकार के दैनिक पास निरस्त रहेंगे और स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह रोक होगी. श्रद्धालुओं को कॉरिडोर परिसर में लॉकर सुविधा नहीं मिलेगी, और बैग, मोबाइल फोन, मोबाइल एसेसरीज व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण साथ लाने पर प्रतिबंध रहेगा.
पूजा सामग्री के नाम पर केवल माला, फूल, प्रसाद, गंगाजल और दूध ले जाने की अनुमति होगी. जबकि अन्य सामग्री पूर्णतया वर्जित रहेगी. भक्तों की सुविधा के लिए परिसर में आपात चिकित्सा, खोया-पाया केंद्र, पुलिस सहायता केंद्र और पर्याप्त संख्या में लाउडस्पीकर की व्यवस्था की जाएगी. यह व्यवस्था 31 दिसंबर की रात से 3 जनवरी की शाम तक लागू रहेगी. इस अवधि में केवल झांकी दर्शन की अनुमति दी जाएगी.
भीड़ प्रबंधन के लिए खास इंतजाम
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने जानकारी दी कि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन कराने के लिए यह कदम उठाया गया है. इस बार मंदिर में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. वीआईपी दर्शन और विशेष प्रोटोकॉल भी इस दौरान प्रतिबंधित रहेंगे.
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श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
धाम में प्रसाद, फूल-माला और दूध जैसी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है, ताकि कतार में लगे श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो. प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
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मंदिर प्रशासन ने बताया कि नए साल पर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को धाम परिसर में लगी एलईडी स्क्रीन और ऑनलाइन माध्यम से बाबा के दर्शन का विकल्प मिलेगा. पिछले साल 7.35 लाख लोगों ने नए साल पर दर्शन किए थे और इस बार संख्या बढ़ने की उम्मीद है. इस व्यवस्था से अधिक से अधिक भक्त कम समय में बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे और साथ ही भीड़ के प्रबंधन में कोई बाधा नहीं आएगी.