बिहार की राजनीति का चमकता सितारा बन चुके हैं तेजस्वी
राजनीति की पिच से लेकर खेल के मैदान में विपक्ष और विरोधियों को नाको चने चबाने पर मजबूर करने वाले…बिहार के सियासी माहौल में जन्मे तेजस्वी यादव का सिक्का हर जगह चलता है। इतना ही नहीं सरकार को गिरा कर सीएम की गद्दी पर बैठने का दम भी रखते हैं। जी हां हम बात कर रहे है लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की।
चाहे वो खेल का मैदान हो या राजनीति, इनकी बैटिंग धुआंधार रही। तेजस्वी यादव मोदी को भी चैलेंज कर चुके हैं। आये दिन पीएम मोदी को भी चैलेंज करते रहते हैं। इतना ही नहीं तेजस्वी ने डिप्टी सीएम के पद पर रहते हुए भी जनता में अपनी पैठ बनाई। अगर महिला फैन फालोअर्स की मानें तो मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि तेजस्वी 44 हजार लड़कियों का दिल तोड़ चुके हैं। हालंकि, बाद में तेजस्वी यादव ने इसका खंडन किया था। आज हम आपको तेजस्वी यादव से जुड़ी खास बातें बताते हैं।
तेजस्वी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
9 नवंबर, 1989 को जन्मे तेजस्वी महंगे जूते, स्टाइलिश कपड़ों के काफी शौकीन हैं। हालांकि, तेजस्वी पढ़ाई-लिखाई में औसत छात्र रहे हैं। उनका लगाव बचपन से ही खेलों के प्रति ही रहा और उन्होंने क्रिकेट में ही अपनी रूचि दिखाई। लेकिन हमेशा सुर्खियों में रहने के साथ-साथ, टीवी चैनेलों पर डिबेट और भाषण में एक्टिव रहने की वजह से बड़े बेटे तेज प्रताप पर तेजस्वी हमेशा भारी रहे हैं।
और यही वजह रही कि लालू यादव ने भी उनकी इस खूबी को पहचाना और अपने बड़े बेटे की जगह उन्होंने डिप्टी सीएम की कुर्सी तेजस्वी को थमाई। तेजस्वी यादव की छवि बिल्कुल अपने पिता लालू यादव की तरह है। लालू की ही तरह तेजस्वी में भी राजनीति को बारीकियों से समझने की ललक दिखाई पड़ती है। साथ ही उन्हें भी अपने पिता की तरह नॉनवेज खाना काफी पसंद है। तेजस्वी यादव जब किशोरावस्था में थे तभी से वे सुर्खियों में छाने लगे थे लेकिन उस वक्त इसका कारण राजनीति नहीं था।
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तब बिहार में लालू समर्थक तेजस्वी यादव में एक भावी क्रिकेटर देखते थे। हालांकि तेजस्वी के प्रशंसकों की ये इच्छा धरी की धरी गई गई। और क्रिकेट में तेजस्वी सिर्फ दिल्ली डेयरडेविल्स के ड्रेसिंग रूम तक ही पहुंच पाए। आईपीएल खेलने की उनकी तमन्ना नहीं पूरी हो पाई। तेजस्वी के बारे में ये भी कहा जाता है कि वे काफी तुनकमिजाजी हैं और उन्हें जल्दी गुस्सा आ जाता है। ऐसा कई बार देखा गया है कि मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते-देते उन पर काफी गुस्सा भी हो जाते हैं। तेजस्वी को नजदीक से जानने वाले ये भी कहते हैं कि वो दूसरों की कही बातों पर बहुत जल्दी भरोसा कर लेते हैं।
सफल क्रिकेटर बनने का देखा था सपना
तेजस्वी ने कभी सफल क्रिकेटर बनने का सपना देखा था। उन्होंने इसकी शुरुआत 2009 में ही कर दी थी। 2009 में तेजस्वी झारखंड के प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम में शामिल किये गये। उन्होंने क्रिकेटर की तरह अपना लुक भी बना लिया था। लेकिन उनको क्रिकेटर नहीं अपने पिता की विरासत को संभालना था और आज वो साकार भी होता नजर आ रहा है।
आईपीएल में दिल्ली की टीम में चार साल रहे शामिल
तेजस्वी को आईपीएल के चार सत्रों में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में शामिल किया गया। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं दिया गया। तेजस्वी टीम में एक ऑलराउंडर की हैसियत से खेलते थे। तेजस्वी बल्लेबाजी के साथ-साथ स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। राजनीति में अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले लालू ने कभी अपने क्रिकेटर बेटे के बारे में भी मजाकिया अंदाज में बयान दिया था। तेजस्वी को टीम में जगह नहीं मिलने से निराश लालू ने कहा था, कम से कम उसे मैदान पर खिलाडियों को पानी पिलाने का भी मौका मिलना चाहिए था।
क्रिकेट में असफल कैरियर रहा है तेजस्वी का
छोटी उम्र से ही क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाले तेजस्वी को क्रिकेट में सफलता नहीं मिली। अपने छोटे से क्रिकेट कैरियर में तेजस्वी ने मात्र एक प्रथम श्रेणी मैच,दो ‘ए’ श्रेणी की क्रिकेट और 4 टी-20 मैच खेले। उनका बल्लेबाजी में उच्चतम स्कोर 19 रन रहा है। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 10 ओवर में महज एक विकेट लिये।
राजनीति के पहले ही मैच में बाउंड्री जड़ा
तेजस्वी यादव ने राजनीति की दुनिया में 2010 में पहला कदम रखा था। लालू यादव ने उन्हें अपने साथ-साथ रैलियों में शामिल करने लगे थे और लोगों को उनका परिचय दिया करते थे। तेजस्वी में लालू ने अपनी पार्टी संभालने का दम दिखाई दिया। तेजस्वी पहली बार विधायक चुनें गये हैं। राजनीति की पहली ही पारी में तेजस्वी ने बाउंड्री जड़ दिया है। उन्हें बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री पद दिया गया था।
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