interview : सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी: एनडी गुप्ता
आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली की राज्यसभा सीटों के लिए तीन नामों का ऐलान कर दिया गया है। इनमें सुशील गुप्ता, एनडी गुप्ता और पार्टी नेता संजय सिंह के नाम शामिल हैं। संजय सिंह के नाम पर तो आम सहमति दिखती है, लेकिन बाकी दो नामों को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर विरोध दिख रहा है। इस बीच हमने पार्टी की ओर से कैंडिडेट घोषित किए गए एनडी गुप्ता से बात की। पढ़ें, बातचीत के मुख्य अंश…
– राज्यसभा भेजे जाने के बारे में आपको कैसे पता चला?
बुधवार को मुझे पार्टी के नैशनल सेक्रेटरी का फोन आया था। उन्होंने बताया कि आपको पार्टी ने नॉमिनेट किया है। मैं पार्टी के साथ कई सालों से जुड़ा हूं। कई मुद्दों पर रोज ही बात होती है। जीएसटी, नोटबंदी पर बात होती रहती है। मैंने नहीं सोचा था कि पार्टी मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देगी।
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– आप कब से पार्टी से जुड़े हैं?
करीब 3-4 साल हो गए। अरविंद केजरीवाल जब इनकम टैक्स में थे बेहद ईमानदार अफसर माने जाते थे। मैं इनकी कार्यशैली से बहुत प्रभावित था। उसके बाद जब ये राजनीति में आए तो तब इनके कामों से प्रभावित हुआ। वह पहले दिक्कत की पहचान करते हैं, फिर उसका हल निकालते हैं। जैसे बिजली का ही मुद्दा था उसे इन्होंने आइडेंटिफाई किया। खंभे पर चढ़कर तार जोड़ा। लीडर का यही काम होता है। डरकर क्या काम करना। दवाब में क्यों, खुलकर काम करना चाहिए। केजरीवाल पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं।
– क्या आप पहले भी किसी पार्टी में रह चुके हैं?
नहीं। मैं प्रफेशन से चार्टर्ड अकाउंटेंट हूं। 1970 से प्रैक्टिस कर रहा हूं। मैंने 1985 में चार्टर्ड अकाउंटेंट असोसिएशन की रीजनल काउंसिल का चुनाव लड़ा और चेयरमैन बन गया। 1988 के बाद 15 साल एपेक्स काउंसिल में रहा। फिर उपाध्यक्ष बना और अध्यक्ष भी रहा। अकाउंटिंग की जो इंटरनैशनल बॉडी है इंटरनैशनल फेडरेशन ऑफ अकाउंटेंट्स, मैं उसके बोर्ड में पहला भारतीय मेंबर था।
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इस बोर्ड में 15 देशों से लोग आते हैं। 160 देश इसके मेंबर हैं और इससे ज्यादा अकाउंटिंग बॉडी मेंबर हैं। अकाउंटिंग स्टैंडर्ड सेट करने वाला बोर्ड, जिसका हेडक्वॉर्टर लंदन में है मैं उस बोर्ड में जाने वाला आखिरी इंडियन हूं। उसके बाद कोई इंडियन अभी तक उस बोर्ड में नहीं आया है। मैं इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी के बोर्ड में भी रहा। मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम की एक कमिटी में भी रहा।
– आपको दिल्ली में जीएसटी का सबसे बड़ा जानकार कहा जा रहा है?
मैं यह नहीं कहूंगा कि सबसे बड़ा जानकार हूं। जीएसटी जिस ढंग से लाया गया, उससे बिजनेसमैन दुखी हैं। जीएसटी और नोटबंदी का असर मार्केट में लिक्विडिटी पर दिखा। मनी एकदम बिजनेसमैन के हाथ से निकल गई। जीएसटी कलेक्शन में भी गिरावट आ रही है। 20 लाख युवा बेरोजगार हो गए हैं। मैं जिम्मेदारी के साथ इन मुद्दों पर संसद में आवाज बुलंद करूंगा।
– पार्टी इकनॉमिस्ट को ढूंढ रही थी, जो सरकार की इकनॉमी पॉलिसी को काउंटर कर सके। कैसे निभाएंगे इसे?
यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे इस फील्ड का पूरा ज्ञान है। आंकड़ों का जो खेल होता है, मैं सबूत के साथ इसके बारे में बताऊंगा। मैं कहूंगा कि केंद्र सरकार आंकड़ों का खेल खेलकर देश के साथ खिलवाड़ कर रही है। देश के युवाओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है। सबके सामने असल आंकड़े आएंगे तब सबको समझ आएगा कि ये क्या खेल कर रहे हैं।
– पार्टी ने कई एक्सपर्ट को राज्यसभा सीट ऑफर की, सबने मना कर दिया, आप कैसे तैयार हुए?
मैं कभी भी दबाव से डरता नहीं हूं। अगर आप देश के लिए काम कर रहे हैं, तो डरने की क्या बात। अगर आप ईमानदार हैं, तो डर क्या होता है। एक शब्द होता है इंपॉसिबल, मैं उसे आई एम पॉसिबल पढ़ता हूं।
– आपका और सुशील गुप्ता का नाम आया तो कई सवाल भी उठने लगे, पार्टी में योगदान के बारे में पूछा जा रहा है?
बीजेपी ने चार ब्यूरोक्रेट्स को मिनिस्टर बनाया है। उनका क्या पार्टी में योगदान था। मैं तो पार्टी से जुड़ा हूं। संसद सही प्लैटफॉर्म है जहां सरकार की गलतियों को बताया जाएगा और सुधारने के लिए दबाव बनाया जाएगा।
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– विधायक कपिल मिश्रा ने कहा, लीडर की बजाय डीलर?
उन्होंने बहुत छोटी बात कही। एक प्रफेशनल को आप डीलर कह रहे हो इससे भद्दी बात और क्या होगी। ये देश के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का अपमान है।
– बड़ी चुनौती है यह प्रूव करना कि पार्टी की चॉइस गलत नहीं थी, नाराज लोगों को कैसे मनाएंगे।
समय आएगा तो पता चल जाएगा कि पार्टी की चॉइस सही थी। कोशिश रहेगी कि जो मुझसे उम्मीद है मैं उस पर खरा उतरूं। कोई नाराज नहीं रहेगा।
(nbt)
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