इस बार 21 सितंबर गुरुवार के दिन से शारदीय नवरात्र की शुभआगमन हो रहा है यह नौ दिनो तक चलने वाली देवी पूजा के नौ रुपों की आराधना की जाती है ।
गुरुवार के दिन से शुरु हो रही नवरात्र की पूजा इस बार मां शेरावाली अपने भक्तो को दर्शन देने आ रही हैं । स्थापना के अनुसार मां की सवारिया बदली जाती है इसी लिये हर साल माता को अलग – अलग वाहनो से होती हैं ।
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माता के नौ रुपो के दर्शन
माता का आगमन इस बार डोली में आ रही हैं । जिसका फलाफल ज्यादा अच्छा नही माना जाता है
माता की सवारी दिन के हिसाब से होती है
- सोमवार को होती है हाथी की सवारी
- मंगलवार को अश्व की सवारी
- बुधवार को नाव की सवारी
- शुक्रवार को डोली की सवारी
- रविवार को हाथी की सवारी
- 9 दिन मे अलग – अलग रुपो मे मां भगवती के दर्शन
जाने कौन से दिन मां के दर्शन
पहला दिन
पहले दिन शैलपुत्री देवी के दर्शन , इस दिन भगवती शैलपुत्री का दिन माना जाता है शैलपुत्री की अर्चना करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति व तपस्वी बनने की प्रेरणा मिलती है ।
दूसरा दिन
दूसरे दिन ब्रम्हचारिणी देवी की अराधना करने से दीर्घ आयू की प्राप्ति होती है
तीसरा दिन
तीसरे दिन होती है चंद्रघंटा की देवी मां भगवती चंद्रमा को सिर पर धारण करती है । माता की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है ।
चौथे दिन
चौथे दिन कुषमांडा देवी की पूजा होती है जिससे धन धान्य मे वृद्धि होती है
पांचवे दिन
पांचवे दिन स्कंदमाता की आराधना से पुत्र की प्राप्ति होती है
छटा दिन
छटवे दिन कात्यायनि देवी की आराधना होती है मां की आराधना करने से सुख समृधि की प्राप्ति होती है।
सातवें दिन
सातवें दिन कालरात्रि देवी की आराधना , भगवती की आराधना करने से संकट से मुक्ति मिलती है इस दिन निशा पूजा भी की जाती हैं ।
आठवां दिन
आठवां दिन महागौरी की पूजा मां भगवती की पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है
नौवां दिन
नौवां दिन महत्पूर्ण दिन सभी प्रकार के फलो की प्राप्ति होती है इस दिन भक्तों को सिद्धि की प्राप्ति भी होती है ।
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