खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने में इस भारतीय ने रची थी साजिश
अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर एक जानकारी दी थी. इसमें अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने यह दावा किया है कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने पन्नू को जान से मारने की साजिश रची थी. बता दें कि भारतीय सरकार गुरुपतवंत सिंह पन्नू को एक खलिस्तानी आतंकवादी मानती है जिसको अमेरिका,कनाडा ने शरण दे रखी है. अब इसी इनपुट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है. भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने इस मामले की जांच के लिए 18 नवंबर को एक उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन किया था. 22 नवंबर को अपनी पहली प्रतिक्रिया में, भारत ने यह नहीं बताया था कि एक पैनल पहले से ही अमेरिकी अधिकारियों की ओर से साझा की गई साजिश के बारे में दी गई जानकारी की जांच कर रहा है.
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विदेश मंत्रालय ने भी मौजूदा स्थिति को बताया चिंताजनक
भारतीय नागरिक के खिलाफ अमेरिका में केस दर्ज किए जाने को भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिंताजनक बताया है और साफ कहा कि यह भारत सरकार की नीतियों के विपरीत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे मामले को भारत सरकार की नीति के उलट बताया है. हांलाकि कनाडा सरकार के दावों को जिस प्रकार खंडन किया गया था, वैसा अमेरिका के दावों को विदेश मंत्रालय ने खारिज नहीं किया है.
अरिंदम बागची ने गुरुवार को आयोजित कान्फ्रेंस में बताया कि, ‘जैसा कि हमने पहले कहा है, द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए. हम ऐसे इनपुट को बहुत गंभीरता से और उच्च स्तर पर लेते हैं. मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए स्तरीय जांच समिति की स्थापना की गई है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में कथित तौर पर उसे एक भारतीय अधिकारी से जोड़ने का मामला दर्ज किया गया है, यह चिंता का विषय है. हमने पहले भी कहा है और मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि यह सरकारी नीति के भी विपरीत है.’
क्या है पूरा मामला
बता दें कि अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने एक भारतीय नागरिक पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. दक्षिणी न्यूयॉर्क जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी. ऑलसेन ने कहा कि निखिल गुप्ता (52) के खिलाफ हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है. निखिल गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में पहुंचकर दूसरे जासूस से बातचीत कर पन्नू को मारने का प्लान बनाया. इसके लिये उसने एक लोकल अमेरिकी नागरिक को उसकी सुपारी के बदले पैसे दिये. इसके बाद उस आदमी ने यह बात एफबीआई को बता दी. जिसके बाद नकली डीलर के मदद से निखिल को हिरासत में ले लिया गया.
वॉशिंगटन अखबार में क्या छपा था?
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. उस रिपोर्ट में बताया गया था कि अमेरिका के दो शीर्ष सुरक्षा अधिकारी, CIA निदेशक विलियम बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एव्रिल हेन्स, मामले की जांच की मांग करने के लिए अलग-अलग समय पर भारत गए थे. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संघीय अभियोजक एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ अभियोग दायर करने की योजना बना रहे हैं. आरोप है कि निखिल ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए एक हिटमैन को भुगतान किया था. कहा जाता है कि गुप्ता भारत में एक अधिकारी के संपर्क में था.
क्या भारत-अमेरिका रिश्तों में आ सकती है खटास
मौजूदा घटना को हुए 5-6 महीने हो चुके है. इसके बीच तमाम तरीके की मीटिंग भारत-अमेरिका के बीच हो चुकी है. चाहे जी-20 में मोदी बाइडेन के बीच की गर्मजोशी के साथ मिलना हो या फिर भारत-अमेरिका के बीच होने वाली 2+2 मीटिंग हो. इसके अलावा नासा के अधिकारी, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बड़े अधिकारी का भारत आना इस बात को साबित करता है कि भारत-अमेरिका के बीच इसका असर नाम मात्र ही रहने वाला है.