ठक-ठक गिरोह ऐसे करता है करोड़ों की काली कमाई, चीन-बैंकॉक तक तार
मेरठ पुलिस ने ठक-ठक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के तार बैंकॉक चीन और दुबई तक जुड़े हैं। हर साल करोड़ों के मोबाइल चोरी होते हैं। इस गिरोह की कमाई अरबों में होती है।
ठक-ठक यानी दरवाजे पर दस्तक
ठक-ठक जब भी होती है तो इसे किसी की आहट माना जाता है। अगर आपकी गाड़ी के शीशे पर ठक-ठक हो तो सावधान हो जाएं क्योंकि यह ठक-ठक आपको भारी पड़ सकती है। देशभर में हजारों भुक्तभोगी मिल जाएंगे, जिन्होंने इस ठक-ठक को दस्तक समझकर गाड़ी का शीशा नीचे किया और फिर अपना लैपटॉप, मोबाइल जैसे कीमती सामान गंवा बैठे।
बातों में फंसाकर उड़ाते हैं सामान
ठक-ठक गिरोह का काम करने का तौर तरीका यह है कि इस गैंग के सदस्य दो या इससे ज्यादा के ग्रुप में ही अपने शिकार पर हमला बोलते हैं। मान लीजिए आप किसी भीड़-भाड़ वाली सड़क से गुजर रहे हैं या रेड लाइट के पास आकर रुके हैं। ऐसे में इनका एक सदस्य कार के बांयी तरफ शीशे पर ठक-ठक करके ऐसी एक्टिंग करता है, जैसे आपकी कार के नीचे उसका पैर आ गया है। आप कार की खिड़की का शीशा नीचे करते हैं और वह शख्स आपको बातों में उलझा कर डैशबोर्ड या सीट पर रखा आपका लैपटॉप या मोबाइल उड़ा देता है। जब तक आप कुछ समझ पाते हैं तब तक दोनों आंखों से ओझल हो चुके होते हैं।
मेरठ पुलिस ने किया भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस ने ऐसे ही एक ठक-ठक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना शरद गोस्वामी को उसके छह साथियों के साथ कंकरखेड़ा क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह की दो महिला सदस्य, चांदनी और सोनिया अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। उनकी तलाश जारी है। गिरफ्तार शातिर बदमाशों के पास से पुलिस ने लाखों रुपये मूल्य के 280 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप और लाइसेंसी हथियार भी बरामद किए हैं। बुधवार सुबह ADG प्रशांत कुमार और SSP अजय साहनी ने रिजर्व पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस की। ADG ने बताया कि गैंग का सरगना शरद गोस्वामी ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम सेक्टर तीन में रहता है। उन्होंने बताया कि इस गैंग में करीब 100 बदमाश हैं और इनका नेटवर्क दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश तक फैला हुआ है। इस मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है।
विदेशों तक फैले ठक-ठक गिरोह के तार
मेरठ पुलिस ने जिस ठक-ठक गैंग का भंडाफोड़ किया है, उसके तार विदेशों तक फैले हुए हैं। देश के विभिन्न राज्यों से मोबाइल चुराकर और लूटकर यह गैंग नेपाल, चीन, बैंकॉक और दुबई तक सप्लाई करता है। लूटे गए मोबाइल फोन का लॉक तोड़कर और IMEI बदलकर उसे फिर से इस्तेमाल लायक बनाता है। यही नहीं एप्पल मोबाइल फोन को चीन भेजकर खुलवा लेता है।
तीन सिपाही भी ठक-ठक गिरोह के साथ
चोरी या लूट की किसी भी घटना के बाद हम सभी शिकायत दर्ज करवाने के लिए पुलिस के पास जाते हैं। इस गिरोह ने पुलिस को भी साध रखा था। सहारनपुर में तैनात दारोग जयवीर और सिपाही विपिन भाटी व कामिल इस गिरोह के लिए काम करते थे। इन तीनों को भी निलंबित कर दिया गया है।
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