ये चार योगासन गर्दन की ऐंठन को दूर करेंगे, जानें कैसे करें
लंबे वक्त तक गलत पोजिशन में बैठने और लेटने से गर्दन में ऐंठन की समस्या बढ़ने लगती है, जो कई दिनों तक यूं ही बनी रहती है. इससे पीठ से लेकर कंधों और सिर में भी बार बार दर्द उठने लगता है, इसके अलावा लगातार स्क्रीन के सामने बैठकर काम करने या फोन का अत्यधिक प्रयोग भी मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या को बढ़ावा देता है. समय की कमी और जल्द राहत के लिए यूं तो लोग कई प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं. मगर नेक पेन से राहत पाने के लिए योगासनों का अभ्यास भी बेहद फायदेमंद सिद्ध होता है.
इसको लेकर योगाचार्य बताते है कि, देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने की वजह से गर्दन में कांट्रैक्शन यानि संकुचन होने लगता है. इससे ब्लड फ्लो उचित तरीके से नहीं हो पाता है, ऐसे में कुछ योगासनों के माध्यम से गर्दन को सुकून की प्राप्ति होती है. इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन और सिरदर्द की समस्या भी दूर होने लगती है, 10 से 15 मिनट प्रतिदिन योगासनों का अभ्यास गर्दन के दर्द और माइग्रेन से भी बचाता है.
जानें गर्दन की ऐंठन को राहत देने वाले कौन से है आसन
1- सर्वगति योगासन
इस योगासन को करने से पीठ और कंधे मज़बूत होते हैं, इससे गर्दन दर्द कम होता है. इसके साथ ही मसल्स मज़बूत होने लगते हैं, इस योगासन को नियमित रूप से करने से आपके शरीर में रक्त प्रवाह नियमित होने लगता है.
जानें विधि
- इस आसन को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब पैरों को जमीन से पूरी तरह सीधा रखें।
- अब गर्दन को उसपर मोड़कर आंखें बंद करके गहरी सांस लें। कोहनी आगे की ओर रखें।
- कंधों को मजबूत बनाए रखें। इससे गर्दन हल्की हो जाती है। अब कोहनियों को पीछे की ओर लाकर चेस्ट के पास टिकाएं।
- सिर झुका लें। अब सिर को हाथों पर रखकर चिन को जमीन पर टिका लें।
2- सुगम सर्पासन
गर्दन में दर्द पीठ, सिर और कंधों को भी घेरता है, इससे शरीर थकान महसूस करने लगता है और एनर्जी की कमी महसूस होती है. ऐसे में सर्वगति योगासन करने से गर्दन का दर्द दूर होता है और चेस्ट भी मजबूत होती है. जो शरीर में स्टेमिना और स्ट्रेंथ बनाता है.
जानें विधि
- इस योग को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाओ। अब अपने दोनों पैरों की एड़ियों को एक साथ मिलाएं।
- हथेलियों को जमीन पर रखकर कोहनियों को मोड़ो। गर्दन पर वज़न डालकर उठें।
- जितना संभव हो, अपने उपरी शरीर को उठाएं। गर्दन को ऊपर की ओर देखते रहें।
- गहरी सांस लेकर छोड़ दें। योग करते समय गर्दन और कंधों पर वज़न डालने से बचें।
3- पूर्वोत्तानासन
गर्दन और कंधों का दर्द कम करने के लिए पूर्वोत्तानासन अभ्यास करें, इसे रोज़ाना करने से चेस्ट मज़बूत होती है और गर्दन के पीछे मसल्स पेन से छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही कलाई और बाजू भी बढ़ते हैं.
जानें विधि
- योगाभ्यास करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब कोहनियों से दोनों बाजूओं को मोड़कर हथेलियों को जमीन से चिपका लें।
- दोनों पैरों को आपस में जोड़कर सीधा रखें। अब अपना शरीर ऊपर की ओर उठाएं। बाजूओं को सीधा करके उठें।
- शरीर को उठाकर पैरों को जमीन से चिपका रखें। यह बाजूओं और कलाई को मजबूत बनाता है। साथ ही कंधों की पीड़ा कम होती है।
- गर्दन को उठाकर देखें। चेस्ट भी मज़बूत होता है यदि आप इस योगासन को हर दिन करते हैं। साथ ही शरीर के दर्द से छुटकारा मिलता है।
4- सेतुबंध सर्वांगसन
मांसपेशियों का दर्द इस येगासन अभ्यास से कम होता है. इससे कंधों की पीड़ा कम होती है, टांगों की मसल्स भी मजबूत होने लगती हैं और नियमित रूप से योगासन करना शरीर में स्टेमिना को बढ़ाता है.
जानें विधि
- इस योगासन को करने के लिए आपको मैट पर सीधे लेटना चाहिए। अब दोनों पैरों के मध्य गैप मेंटेन करें।
- टांगों को घुटनों से मोड़कर तीन से चार कदम अंतर बनाएं। अब शरीर के निचले भाग को उठाएं।
- गर्दन पर एक तकिया रखें। इस संयोजन से गर्दन पर पूरा वज़न आता है। इससे गर्दन की पीड़ा कम होती है।
- बाजू और कंधे जमीन पर रखें। गहरी सांस लेकर छोड़ दें। योगासन को दो से तीन बार ३० सेकंड तक दोहराएं।