ये हैं ‘मोदी काल’ के 7 मुख्यमंत्री, जिन्हें गंवानी पड़ी सीएम की कुर्सी
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में सियासी उथल-पुथल मच गई है. हरियाणा में जननायक जनता पार्टी और बीजेपी का गठबंधन टूट गया है. जेजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर समेत पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है. अब नए सिरे से सरकार का गठन होगा. इसमें कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी बीजेपी खट्टर की जगह किसी नए चेहरे को सीएम बना सकती है. वहीं मनोहर लाल खट्टर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
7 सीएम पूरा नहीं कर पाए कार्यकाल
साल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, तब से लेकर अब 6 ऐसे सीएम रह चुके हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है. अब मनोहर लाल खट्टर का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है. जिसमें एक ऐसे भी सीएम रहे हैं, जिनका कार्यकाल महज 3 दिनों का रहा था.
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और 10 मार्च 2021 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद तीरथ सिंह रावत को बीजेपी ने सीएम पद की कुर्सी सौंपी थी.
तीरथ सिंह रावत सीएम तो बन गए थे, लेकिन उन्हें भी चुनाव से ठीक पहले 116 दिनों में ही अपनी सीएम कुर्सी को छोड़ना पड़ा था. इसके बाद पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
साल 2014 में गुजरात में आनंदीबेन पटेल सीएम बनी थीं. हालांकि वो भी इस पद पर ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाईं और 2 साल 77 दिन के अल्प कार्यकाल के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद बीजेपी ने सीएम पद की कमान विजय रुपाणी को सौंपी थी.
विजय रुपाणी
विजय रुपाणी के नेतृत्व में बीजेपी ने 14वीं विधानसभा का चुनाव जीता, लेकिन रुपाणी इस कार्यकाल को पूरा करने में कामयाब नहीं हुए और उन्हें सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी थी. इसके बाद भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाया गया था.
3 दिन के सीएम बने थे बीएस येदियुरप्पा
कर्नाटक में 2018 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में चुनाव जीतकर बीजेपी ने उन्हें सीएम बनाया. लेकिन येदियुरप्पा सिर्फ 3 दिनों तक ही सीएम की कुर्सी पर रहे, जिसके बाद बीजेपी की सरकार गिर गई और जनता दल के एचडी कुमारस्वामी सीएम बने थे. ये अलग बात है कि कुमारस्वामी भी अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल नहीं हुए थे.
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अब बात करते हैं महाराष्ट्र के सीएम रहे देवेंद्र फडणवीस की. देवेंद्र फडणवीस को 2014 में सीएम बनाया गया था. इस कार्यकाल को उन्होंने पूरा कर लिया था, लेकिन उन्हें अगला कार्यकाल नहीं मिला. नवंबर 2019 में उन्होंने आनन-फानन में सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन वो भी सिर्फ 5 दिनों में सीएम की कुर्सी से हट गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और खुद सीएम बने थे.