सरकार में भागीदारी की होगी मारामारी
Loksabha Results 2024: देश में लोकसभा चुनाव नतीजे घोषित होने की बाद NDA सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, BJP के बहुमत में न आने के चलते घटक दल से कई तरह के समझौते करने पड सकते हैं. जिसमें सबसे अहम् भूमिका TDP और JDU की है. दिल्ली में आज NDA की अहम् बैठक से पहले दोनों नेता दिल्ली पहुँच गए हैं.
सरकार में भागीदारी को लेकर कर सकते हैं कई मांग…
बता दें कि, NDA की बैठक में सरकार बनाने में सबसे अहम् भूमिका TDP और JDU की है. कहा जा रहा है कि बैठक में दोनों ही दल कई मंत्री पद और सरकार में भागेदारी मांग सकते हैं. इन सबमें सबसे अहम पद है लोकसभा स्पीकर का. सूत्रों का कहना है कि दोनों ही दल लोकसभा का स्पीकर का पद अपने अपने कोटे में रखने की मांग उठा सकते हैं. यह मुद्दा आज की बैठक में उठ सकता है. इसकी वजह है कि दोनों ही दलों को BJP से सताने का डर है.
क्यों अहम है स्पीकर का पद…
बता दें कि लोकसभा में सबसे अहम होता है स्पीगकर का पद. क्योंकि दल – बदल कानून के लिए यह पद काफी महत्वपूर्ण होता है. इसी के चलते दोनों ही दलों ने इसकी मांग उठाई है. क्योंकि दोनों ही दलों के नेता भविष्य में अपनी पार्टी को बचाना चाहते हैं. इस डर के चलते दोनों दल इस पद की मांग कर सकते हैं. इतना ही नहीं देश में दल- बदल कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पास बहुत ही कम अधिकार हैं.
महाराष्ट्र् है इसका उदाहरण…
देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ आरोप लगाए गए कि स्पीकर ने अयोग्यता वाली याचिकाओं पर फैसला करने में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया. पिछले साल SC ने महाराष्ट्र् विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सीएम एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों को दल बदल कानून के तहत कार्यवाही करने का फैसला दिया था लेकिन फैसले के चलते पार्टी का विभाजन हो गया.
भाजपा के दिग्गज नहीं जीता सके चंदौली…
सत्ता या गठबंधन के लिए अहम है स्पीकर की कुर्सी…
इतना ही नहीं, लोकसभा अध्यक्ष पद आमतौर पर सत्तारूढ़ दल के पास होता है. जबकि लोकसभा का उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दलों के पास जाता है. हालाँकि अहम् बात है कि इतिहास में पहली बार हुआ है कि बिना उपाध्यक्ष के 17 वीं लोकसभा भंग हुई है.