इनसे मिलिए ये हैं ‘मार्डन शाहजहां’, पत्नी के लिए बनाया ताजमहल, और अब…
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भी एक ताजमहल है। यह शाहजहां के आगरा वाले ताज जितना खूबसूरत बेशक न हो, लेकिन इसे बनवाने की वजह उतनी ही खूबसूरत है। यहां के रिटायर्ड पोस्टमैन फैजुल हसन कादरी (82) ने अपनी पत्नी की याद में अपना सबकुछ लगाकर इसे बनवाया था।
हालांकि पैसों की कमी के चलते इसका काम पूरा नहीं हो सका। अब ‘हादसे में मौत के बाद इस ‘मॉडर्न डे शाहजहां’ को इसी ‘ताजमहल’ में दफनाया जाएगा। बता दें कि मोहब्बत के नाम पर ताजमहल जैसी इमारत बनाने वाले फैजुल की पत्नी पहले ही इसमें दफन हैं।
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मोटरसाइकल से टक्कर लगने के बाद शुक्रवार सुबह अलीगढ़ के एक अस्पताल में फैजुल की भी मौत हो गई। फैजुल की यह इच्छा थी कि उनकी मौत के बाद उन्हें भी वहीं उनकी ‘बेगम’ तज्जमुली के बगल में ही दफनाया जाए।
2011 में हुआ था इनकी बेगम का निधन
दिसंबर 2011 में तज्जमुली बेगम का निधन हुआ था। तब मौत से पहले तज्जमुली बेगम ने यह ख्वाहिश जताई थी कि चूंकि उनके कोई औलाद नहीं है इसलिए उनके जाने के बाद उनके नाम और खानदान को कोई कैसे याद रखेगा? इसके लिए अगर हम कुछ अनूठी इमारत बना जाएं तो लोग हमें याद रखेंगे। तभी फैजुल ने तय किया और तज्जुमली से वादा किया कि वह एक मिनी ताजमहल बनवाएंगे।
ताजमहल भी बिल्कुल वैसा ही हो जैसा आगरा का है
फैजुल ने पत्नी की मौत के बाद फरवरी 2012 में 50 गुणा 50 फुट की इस अद्भुत इमारत को बनवाना शुरू किया। इसके लिए फैजुल ने अपनी सारी जमा-पूंजी खर्च कर दी थी। अपने प्रॉविडेंड फंड की सारी रकम, खेत बेच कर मिली रकम और पत्नी के सारे गहने बेच कर मिली रकम फैजुल इसपर खर्च कर चुके थे। फैजुल का सपना था कि उनका ताजमहल भी बिल्कुल वैसा ही हो जैसा आगरा का है।
12 लाख खर्च करने के बावजूद यह ताजमहल बेशक अधूरा रह गया हो लेकिन फिर भी शाहजहां की ही तरह यह तो कहा ही जा सकता है कि वह अपनी बेगम से बेइंतहा प्यार करते थे। फैजुल का यह ताज बलुआ पत्थर, लाल पत्थर, चूने, सीमेंट और लोहे से बना है। इसके चलते बुलंदशहर का यह इलाका आसपास के लोगों में फेमस हो चुका है। साभारNBT
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