मौसम ने बदली करवट, बढ़ने लगी ठंडक
वाराणसीः मौसम ने पहाड़ी क्षेत्रों का रूख देख करवट बदल रहा है। इसके चलते ठंड ने
भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। देखा जाए तो
बनारस में इस साल ठंडक का अहसास अक्टूबर महीने की शुरुआत में बारिश
हो जाने के बाद से ही महसूस होने लगा है। इसका असर दुर्गापूजा व दशहरा में देखने को मिला।
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पूजा व आराधना की मस्ती में डूबे लोगों को पंडाल में घूमने के दौरान अहसास हुआ।
यूं तो पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में नवरात्रि का त्योहार शुरु हो
चुका था लेकिन इस साल अक्टूबर महीने के मध्य में इसकी
शुरुआत हो चुकी है । खासकर, आधी रात को पंडाल घूमने निकले लोगों
को ठंड का रूख देख पूरी बाँह का शर्ट या स्वेटर पहन कर निकलना पड़ा।
जिन लोगों ने इसे हल्के में लिया उन्हें देर रात तक चौराहों के आसपास चाय की
दुकानों का सहारा लेते देखा गया।
हालांकि रविवार के बाद से ही मौसम की हवा पछुआ की जगह पुरवा हवा
चलने लगी है, जिससे मौसम के पारे में तेजी है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान के प्रोफेसर एसएन पांडेय बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी में उच्च दबाव
का क्षेत्र बना है जिससे चक्रवात की स्थिति पैदा होने की आशंका होती
है. इसका असर मुख्यत: बंगाल, झारखंड और उड़ीसा तक हो सकता
है। उच्च दबाव के कारण पूर्वांचल में भी ठंड की स्थिति पैदा हुई
है हालांकि बारिश की संभावना कम ही दिख रही है।
बादल के कारण अधिकतम तापमान बढ़कर 33.4 डिग्री हो गया था, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 18.2 डिग्री था।
अभी से पड़ रही ठंडक को देख कर लग रहा है कि नवंबर दिसंबर की ठंडी जबरदस्त होने वाली है एवं दिवाली जैसे त्योहारों पर भी लोग स्वेटर जैकेट पहन कर ही जश्न मनाने निकलेंगे।
अचानक बदले इस मौसम का लुत्फ उठाने शहरवासी शाम में घाट पर चाय की दुकानों पर अपने-अपने साथियों के साथ चाय की चुस्कियां लेते दिखे।