मोदी की माफी’ को लेकर हंगामा
गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी को लेकर संसद में संग्राम जारी है। गुजरात के चुनाव नतीजों के अगले दिन मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस और विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। इससे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस सदस्यों से सदन चलाने में सहयोग की अपील की
विपक्ष के तेवरों के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर सुलह की ओर कदम बढ़ाए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सभा में कहा कि मुद्दे का हल मिल बैठकर सुलझा लिया जाएगा। हालांकि विपक्ष के तेवर ठंडे होने के आसार कम ही दिख रहे हैं।राज्य सभा में मंगलवार को ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘पीएम मोदी माफी मांगें’ जैसे नारों के साथ कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन चले, लेकिन सरकार पहले संसदीय मर्यादा का पालन करे। दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कांग्रेस सदस्यों से सदन चलाने में सहयोग की अपील की।
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नायडू ने विपक्ष की आपत्तियों पर पूरा ध्यान दिए जाने का आश्वासन दिया। नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जी की देश के प्रति वफादारी पर सवाल उठाया गया है। पीएम को सदन में आकर सफाई देनी चाहिए।’ बता दें कि शुक्रवार से ही सदन में लगातार मनमोहन सिंह पर की पीएम मोदी की टिप्पणी और राज्य सभा सांसद शरद यादव की सदस्यता भंग करने को लेकर हंगामा जारी है। कांग्रेस किसी भी तरह से इस मुद्दे को छोड़ने के मू़ड में नजर नहीं आ रही है।
लोगों को ज्यादा दिनों तक जेल में न रहना पड़े
राज्य सभा में नेता सदन अरुण जेटली ने भी कहा कि विपक्ष के सहयोग के बिना सदन चलना संभव नहीं है। सरकार विपक्ष से किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इसके अलावा नेताओं के स्पेशल कोर्ट के मुद्दे को भी राज्य सभा में उठाया गया। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को स्पेशल कोर्ट की स्थापना के लिए पर्याप्त मात्रा में फंड देना चाहिए ताकि ट्रायल खत्म होने के बाद लोगों को ज्यादा दिनों तक जेल में न रहना पड़े।
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आज़ाद ने कहा, ‘कानून सबसे लिए होना चाहिए, विधायिका को इससे अलग नहीं रखना चाहिए।’ दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने को लेकर भी राज्य सभा में हंगामा हुआ। बीजेपी की सहयोगी अकाली दल के नरेश गुजराल ने इससे कम्युनल हेट्रेड की बात कही। उन्होंने सरकार से कहा, ‘वह चाहे तो पूरे देश मे वंदे मातरम यूनिवर्सिटी क्यों नही खोलती।’ जवाब में एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार इस फैसले से सहमत नहीं। दिल्ली यूनिवर्सिटी को फैसला होल्ड करने को कहा गया है।
(साभार-एनबीटी)