जिसने बिग बी, राजेश खन्ना जैसों को बनाया स्टार, गर्दिश में हैं उसी के सितारे
अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी और राजेश खन्ना जैसे कलाकारों को काम देने वाले एक फिल्म निर्माता की कहानी किसी फिल्म जैसी ही है। लेकिन इस कहानी का क्लाइमेक्स हैप्पी नहीं है। फिल्म निर्माता रमेश भाटिया के सितारे वृद्धावस्था में पहुंचते ही गर्दिश में पहुंच गईं। बूढ़े हुए तो अपनों ने भी साथ छोड़ दिया। अब हालात ने उन्हें मेरठ के वृद्धाश्रम में जीवन काटने को मजबूर कर दिया है।
खुद धरती की खाक छान रहें है…
फिल्म निर्माता रमेश भाटिया मेरठ के एक वृद्धाश्रम में जिन्दगी की जंग लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बात का कोई शिकवा नहीं है कि अपनों ने भी उनका साथ छोड़ दिया। रमेश भाटिया का कहना है कि वो उनका पास्ट था और आज उनका यही वर्तमान है। वे इसी में खुश हैं। हालांकि बॉलीवुड़ की बात करते ही वो यादों के गलियारों में खो जाते हैं। लेकिन वो अपने दो बेटों और एक बेटी की बात ही नहीं करना चाहते। वृद्धाश्रम में रह रहे पूर्व फिल्म निर्माता रमेश भाटिया ने अपना फिल्मी सफर नई उमर की नई फसल फिल्म में बतौर एक्टर किया था। गुमनाम फिल्म में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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उसके बाद अपने साथी प्रकाश वर्मा के साथ 1972 में पहली फिल्म बंसी बिरजू बनाई। इस फिल्म में उन्होंने बतौर हीरो हिरोईन अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी को लिया। ये फिल्म तकरीबन पांच लाख रुपए में बनकर तैयार हुई। उसके बाद 1978 में राजेश खन्ना को कास्ट करते हुए आंचल बनाई। रमेश भाटिया ने बॉलीवुड़ के बदलते दौर को देखा है। शुरूआती दौर में जब अमिताभ बच्चन संघर्ष कर रहे थे तो रमेशजी ने ही उन्हें काम दिया। कुछ साल बाद अमिताभ की कुली जैसी फिल्में सुपरहिट हुईं और उन्होंने कम फीस में काम करने से इनकार कर दिया। एक ज़माने में सितारों को संवारने वाला शख्स आज ख़ुद ग़ुमनाम है। रमेश भाटिया के दो बेटे अनिल व सुमित और एक बेटी हैं।
शख़्स आज खुद गुमनामी की जिंदगी गुजार रहा है
ये सभी मुम्बई में अपनी ज़िन्दगी में मस्त हैं और रमेश जी का नया परिवार नया । ख़ानदान नया पता अब वृद्धाश्रम है। 82 साल के रमेश भाटिया ने बताया कि उनके पिता गणपतराय एडवोकेट हुआ करते थे। उनका परिवार मेरठ के मिशन कम्पाउंड में रहता था। उन्होंने 1957 में मेरठ कॉलेज से बीए पास किया। उसके बाद कुछ अलग करने की चाहत में मुम्बई चले गए। वहां कई साल तक एयरपोर्ट में नौकरी की और वहीं किस्मत ने उन्हें बॉलीवुड़ का मौका दे दिया। धर्मेन्द्र, मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अमोल पालेकर और उस दौर में न जाने कितने ही कलाकारों के साथ इन्होंने काम किया। लेकिन उम्र के इस पड़ाव में सभी उन्हें भूल गए और कभी ग़ुमनाम जैसी सफल फिल्म में काम करने वाला शख़्स आज खुद गुमनामी की जिंदगी गुजार रहा है।
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