मुहर्रम में होने वाली घटनाओं में कमी आई है : गृह सचिव

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उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा और मोहर्रम के दौरान हुई घटनाओं को लेकर कहा है कि पुलिस पहले से ज्यादा सक्रिय हुई है और इसी वजह से पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष इन अवसरों पर होने वाली घटनाओं में कमी आई है। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा ने मंगलवार को एनेक्सी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि 2017 में दुर्गा पूजा और दशहरा में कुल 8 अप्रिय घटनाएं हुईं, जबकि 2016 में दुर्गा पूजा और दशहरा में कुल 38 अप्रिय घटनाएं हुई थीं।

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मोहर्रम के जुलूस को लेकर इस साल 16 घटनाएं हुईं

मिश्रा ने कहा कि मोहर्रम के जुलूस को लेकर इस साल 16 घटनाएं हुईं, वहीं 2016 में दुर्गा मोहर्रम के दौरान कुल 40 घटनाएं हुई थीं।मणि प्रसाद मिश्रा ने बताया कि बीती घटनाओं पर उत्तर प्रदेश शासन ने सबक लिया था और इस साल कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि इसी के चलते इस बार घटनाओं में कमी आई है।

इलाहाबाद, कौशांबी और कुशीनगर में भी बवाल हुआ

गौरतलब है कि मुहर्रम पर इस बार कानून व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सबसे ज्यादा बवाल कानपुर में हुआ। यहां फायरिंग, पथराव, आगजनी हुई। इसके अलावा बलिया, पीलीभीत, गोंडा, अंबेडकरनगर, संभल, इलाहाबाद, कौशांबी और कुशीनगर में भी बवाल हुआ था।

कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया

कानपुर में जूही थाना क्षेत्र के परमपुरवा और रावतपुर गांव में मुहर्रम का जुलूस ले जाने को लेकर बवाल हो गया था। वहां उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान पुलिस के वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए। यही नहीं कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।कल्याणपुर इलाके के रावतपुर में धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने को लेकर बवाल मचा और जमकर पत्थरबाजी हुई। इसके बाद पुलिस को मामला शांत कराने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।

मणि प्रसाद मिश्रा ने कहा गिरीश चंद्र त्रिपाठी से पुछताछ होगी 

इस बीच इस दौरान मणि प्रसाद मिश्रा से जब यह पूछा गया कि क्या बीएचयू में हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर पुलिस वहां के तत्कालीन कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी से पूछताछ करेगी, इस पर मिश्रा ने कहा, “यह पूरी तरह से मामले की विवेचना कर रहे अधिकारी पर निर्भर करता है कि वह किससे और कब पूछताछ करेगा।

अधिकारियों पर किसी तरह का दबाव नहीं है

मिश्रा ने हालांकि एक बात दावे के साथ कहा कि मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर किसी तरह का कोई दबाव नही है। वह पूरी तरह से अपने दायात्विों का निर्वहन करने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, “शासन की तरफ से मैं केवल इतना दावा कर सकता हूं कि अधिकारियों पर किसी तरह का दबाव नहीं है।

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