फरारइनामी बदमाश की तलाश ठंडे बस्ते में..
वाराणसी में दरोगा को गोली मारकर सरकारी पिस्टल लूटने में था शामिल, दोभाइयों का हुआ था एनकाउंटर
वाराणसी के लक्सा थाने पर तैनात दरोगा अजय यादव को रोहनियां थाना क्षेत्र में गोली मारकर सरकारी पिस्टल लूटने के मामले में फरार चल रहे एक लाख की इनामी बदमाश की तलाश ठंडे बस्ते में चली गई है. करीब एक साल पूर्व हुई इस दुर्दांत घटना में शामिल इनामी बदमाश के दो भाइयों को कमिश्नरेट पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया था. तत्कालीन पुलिस कमिश्नरने घटना की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया था.
रिंगरोड के पास हुआ था एनकाउंटर
आठ नवंबर 2022 की शाम रोहनिया के जगतपुर इलाके में बदमाशों ने दरोगा अजय यादव को गोली मारकर घायल करने के साथ सर्विस पिस्टल आदि लूट लिए थे. इस वारदात के बाद 21 नवंबर 2022 को क्राइम ब्रांच के साथ बदमाशों की मुठभेड हो गई थी. कई राउंड गोली चली जिसमें बिहारके समस्तीपुर के गोलवा थानांतर्गत मोहद्दीनगर के रहने वाले सगे भाई रजनीश सिंह उर्फ बउवा और मनीष सिं ढेर हो गए थे. इस दौरान दोनों का बडा भाई लल्लन सिंह भाग निकला था.मुठभेड में क्राइम ब्रांच ने दरोगा से लूटी हुई पिस्टल भी बरामद की थी. ये बदमाश बिहारमें दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर चुके थे. दो बैंक डकैती के दौरान भी पांच लोगोंकी हत्या कर चुके थे. पकडे जाने पर न्यायिक हिरासत से भाग निकले थे.
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मंडुआडीह क्षेत्र में बनाया था ठिकाना
तीनों भाइयों ने मंडुआडीह थाना क्षेत्र स्थित किराए के एक मकान में अपना ठिकाना बनाया था. यहीं पर उन्होंने दरोगा के साथ वारदात की साजिश रची थी. इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणालीको लेकर सवाल खडे होने लगे थे. तमाम किरकिरी के बीच पुलिस कमिश्नर की टीम ने एडी चोटीएक करदी थी. इसका परिणाम रहा कि घटना में शामिल दो बदमाश मारे गए लेकिन मुख्य आरोपित तीसरा लल्लन एक साल बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग सका. तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश नेलल्लन की गिरफ्तारी के लिए बेहतरीन इंस्पेक्टर और दरोगा को मिलाकर एक एसआईटी का गठन किया था लेकिन अब तक पकडा जाना तो दूर उसका सुराग भी नहीं मिला.