मुन्ना बजरंगी गिरोह से जुडे हैं असलहों की बरामदगी के तार

बड़गांव क्षेत्र के फत्तेपुर में फायरिंग की घटना के बाद पुलिस के कान खडे

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वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के फत्तेपुर में रिटायर्ड फौजी अरविंद सिंह पर फायरिंग की घटना के तार बागपत जेल में मारे गए कुख्यात प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी गिरोह से जुडे हैं. इस खुलासे से पुलिस के कान खडे हो गए हैं. पुलिस अब इस मामले में गिरफ्तार आरोपित राहुल सिंह समेत चार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

सूत्रों के अनुसार ठेकेदारी करनेवाला आरोपित राहुल सिंह बागपत जेल में मारे जा चुके कुख्यात मुन्ना बजरंगी गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है. इसने वर्तमान महिला ब्लाक प्रमुख नूतन सिंह के पति दीपक सिंह के बारे में कई चौकानेवाले राज खोले हैं. चूंकि सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण पुलिस अभी उस पन्ने को नही खोल रही है.

कभी थी एक दांत काटी रोटी 

बता दें कि रिटायर्ड फौजी अरविंद सिंह व उनके भाई दीपक सिंह से आरोपित राहुल सिंह के बीच जमीन विवाद को लेकर रंजिश चली आ रही थी. पहले दोनों पक्षों में दांतकाटी दोस्तीज थी। बुधवार को जमीन विवाद ने तूल पकड़ा तो राहुल सिंह अपने भाई कर्ण सिंह, सहयोगियों ईशीपुर गांव के निजी गनर दीनानाथ सरोज व राजू गोंड के साथ अरविंद के घर पहुंचा. विवाद के दौरान राहुल ने हत्या की नीयत से अरविंद सिंह पर पिस्टल से गोली चला दी, लेकिन अरविंद बच गये. छीनाझपटी में राहुल से पिस्टल छूट गई. पुलिस आने से पहले ही राहुल, उसके भाई व दो सहयोगी भाग निकले.

मिला था असलहों का जखीरा

मौके से पिस्टल की बरामदगी के बाद पुलिस ने राहुल व कर्ण सिंह के घर और उनके पास से हथियारों का जखीरा बरामद किया तो पुलिसकर्मियों के भी होश उड़ गये. बरामद असलहों में देसी-विदेशी दो पिस्टल, 12 बोर की बंदूक, दो फोल्डेड रायफल, ड्रैगन लाइट, टेलीस्कोप, तीन वाकी टाकी, वायरलेस मिले हैं. यह बरामदगी ही बताने के लिए पर्याप्त थी कि ऐसे अत्याधुनिक असलहों की इन्हें जरूरत क्या थी ? इसका इस्तेमाल किसलिए होता था ? पुलिस ने राहुल, कर्ण सिंह व राजू गोंड को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन दीनानाथ सरोज अभी पुलिस के शिकंजे में नही आ सका है. इस दीनानाथ के बारे में बताया जाता है कि वह पहले मुकदमे के वादी अरविंद सिंह के भाई दीपक का निजी गनर था।

दीनानाथ की पत्नी सुमन, दीपक सिंह के यहां घरेलू काम करती थी. पिछले चुनाव में ब्लाक प्रमुखी की सीट आरक्षित थी तो दीनानाथ की पत्नी सुमन को चुनाव लड़ाया गया. सुमन चुनाव जीत गई. तब दीपक सिंह और राहुल सिंह की जिगरी दोस्ती रही. क्षेत्र के लोग बताते हैं कि ब्लाक प्रमुखी का काम यही दोनों देखते रहे. पिछले चुनाव में दीपक ने सत्ता के सहयोग से अपनी पत्नी नूतन को चुनाव मैदान में उतार दिया. उनके खिलाफ क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर रहे सुजीत बेलवा ने ताल ठोकी थी लेकिन सुजीत को हराकर नूतन चुनाव जीत गईं. उधर, आर्थिक सम्राज्य को लेकर राहुल सिंह और दीपक सिंह में रंजिश हो गई. इस दौरान दीपक सिंह का निजी गनर पूर्व ब्लाक प्रमुख पति दीनानाथ सरोज राहुल सिंह के पाले में आ गया, लेकिन उसकी पत्नी की निष्ठा दीपक सिंह परिवार के प्रति बनी रही.

कौन लोग दे रहे थे बजरंगी के करीबियों को संरक्षण

हथियारों के जखीरे की बरामदगी के खुलासे के बाद अब क्षेत्र में तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. राजनीतिक हल्कों में भी जीरो टॉलरेंस के दावों पर तंज कसे जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि जरायम की दुनिया से जुड़े इन लोगों की हिस्ट्रीशीट पहले क्यों नही खोली गई और गैंगस्टर क्यों नही लगाया गया ? यह भी उजागर होना चाहिए कि बजरंगी के करीबियों को संरक्षण कौन लोग दे रहे थे.

बड़ागांव आई थी मुन्ना बजरंगी की पत्नी

प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की वर्ष 2018 में बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद बांदा जेल में बंद उसके आका मुख्तार अंसारी की आधी कमर टूट गई थी. मुन्ना बजरंगी ने पूर्वांचल के कई जिलो में अपना आर्थिक सामाज्य स्थापित कर लिया था. करोड़ों की प्रापर्टी को बचाने के लिए उसकी पत्नी सीमा सिंह परेशान थी. उस दौरान वह फत्तेपुर में राहुल सिंह के यहां ही आई थी. यहीं रही और अपने आर्थिक साम्राज्य को सुरक्षित करने, बेचने आदि की योजनाएं बनाईं, लेकिन इसकी भनक क्षेत्र के लोगों को लग गई. जब एक मीडिया ने इसे उजागर कर दिया तो उसी दिन सीमा सिंह वहां से चली गई. राहुल ने पुलिस को बताया कि हथियारों का जखीरा, बुलेट प्रूफ जैकेट आदि उसने छत्तीसगढ़ से खरीदे थे.

पहले भी पुलिस को थी जानकारी

बड़ागांव पुलिस फत्तेपुर की घटना के बाद जरायम की दुनिया के नये पन्ने यानी हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी, गैंगस्टर लगाने की बात कह रही है लेकिन आरोपितों और उनके गुर्गों के कारनामों की जानकारी पहले भी पुलिस और क्षेत्रीय लोगों को रही. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पुलिस इसे नजरअंदाज करती रही. राहुल सिंह के खिलाफ पांच मुकदमें हैं और उसमें से तीन मुकदमों में दीपक सिंह भी आरोपित है. पति की हत्या के बाद मुन्ना बजरंगी की पत्नी बड़ागांव आई थी तब भी क्षेत्र के लोगों, पुलिस और स्वनामधन्य सफेदपोश लोगों को इसकी जानकारी थी.

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सफेदपोशों के भी काल रिकॉर्ड खंगाल रही है पुलिस

राहुल सिंह व उसके भाई कर्ण सिंह के घर से बरामद अत्याधुनिक असलहों ने पुलिस महकमे को सकते में डाल दिया है. पुलिसवालों का माथा चकरा गया कि आखिर किसी व्यक्ति को इतने असलहों व सैकड़ो कारतूसों की जरूरत क्यों पड़ गई? वहीं बरामदगी के बाबत एडीसीपी सर्वानन टी ने बताया कि राहुल व कर्ण की पूछताछ के दौरान कई सफेदपोशों के नाम उजागर हुए हैं. पुलिस सबका आपराधिक इतिहास व उनके आर्थिक साम्राज्य को खंगाल रही है. पकड़े गये आरोपितों की हिस्ट्रीशीट खोलकर उनकी निगरानी लगाई जाएगी.

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