घरों के एक्वेरियम में प्यारी सी नजर आने वाली गोल्ड फिश की हकीकत है बेहद खौफनाक

पारिस्थितिकी तंत्र को नुक्सान पहुंचाती है गोल्ड फिश

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शुभ, समृद्धि और सौंदर्य का रूप मानकर घरों के एक्वेरियम में रखी जाने वाली गोल्ड फिश की हकीकत बेहद खौफनाक है. तालाबों, नदियों में वो मांसाहारी हो जाती है और पूरे जलीय तंत्र को तहस-नहस कर देती है. उसके व्यवहार की स्टडी करके कई देशों ने गोल्डफिश को नदी-तालाबों में डालने पर रोक लगा दी है.

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मांसाहारी होती है ये मछली

गोल्डफिश का वैज्ञानिक नाम कैरेसियस ऑराटस है. काफी पहले से ही इसे घरों के एक्वेरियम में रखा जाता है. एक्वेरियम में नन्ही-सी दिखने वाली ये मछली बाहर की दुनिया में फुटबॉल की गेंद तक का आकार ले सकती हैं और इनका वजन दो किलो तक बढ़ जाता है. यही नहीं इसकी प्रकृति अन्य मछलियों पर हमलावर रहने की है. ये स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन जाती हैं.  ये मूलतः मांसाहारी मछलियां हैं. दूसरी मछलियां मच्छरों का लार्वा खाती हैं. वहीं गोल्डफिश का प्रमुख आहार इन मछलियों के अंडे हैं.

पारिस्थितिकी तंत्र को पहुंचाती है नुकसान

गोल्ड फिश मछलियों के अंडे तलाशने के लिए ऐसा तरीका अपनाती है जिससे जल स्रोत के निचले सतह में काफी हलचल होती है. इससे पानी के नीचे मौजूद कीचड़ ऊपर आने लगता है और उस जगह पर मौजूद पोषक तत्व तैरने लगता है. इससे वहां शैवाल बनने की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है. वहां मौजूद अन्य मछलियों पर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. घर में रखे एक्वेरियम में गोल्डफिश उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ती लेकिन जैसे ही इसे बाहर छोड़ा जाता है इसका आकार तेजी से बढ़ता है.

काफी ज्यादा बच्चे देती है गोल्डफिश

ऑस्ट्रेलिया में गोल्डफिश के व्यवहार पर स्टडी हुई थी. इसमें 15 गोल्डफिश की गतिविधियों पर साल भर तक नजर रखी गई. इसके बाद शोधकर्ताओं की टीम गोल्ड फिश के यात्रा करने की क्षमता के बारे में नई जानकारी सामने आई. नहरों में छोड़े जाने के बाद ये मछलियां नदियों के रास्ते होते हुए दलदली क्षेत्र में पहुंचीं जहां अंडे देती हैं. गोल्डफिश एक साल में 230 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी दूरी तय कर सकती हैं. अन्य मछलियों के अंडे देने का सीजन होता है जबकि यह एक बार बच्चे जनने के बाद फिर से गर्भवती हो सकती हैं.

चीन से आई सुनहरी मछली

वैज्ञानिकों के अनुसार गोल्डफिश को सबसे पहले चीन में पाया गया था और बाद में पूरी दुनिया में फैल गयी. नदियों-तालाबों के जीवन को बबार्द करने वाली गोल्ड वास्तविक व्यवहार के बारे में पता चलने पर अमेरिका के मिनेसोटा प्रांत में अधिकारियों ने लोगों से इन मछलियों को झीलों और नदियों में नहीं छोड़ने की अपील की. केले झील में गोल्डफिश की बहुत बड़े आकार की मछलियां देखने के बाद सरकारी अधिकारियों ने इसे हमलावर प्रजाति की मछली करार दिया है.

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