शिवपाल यादव की पार्टी में शामिल हुई कवियत्री अनामिका अंबर

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अपनी कविताओं से लाखो लोगों के दिलों पर राज करने वाली कवियत्री अनामिका अंबर अब राजनीति मैदान में उतरने वाली हैं। कवियत्री अनामिका अंबर शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजपार्टी में शामिल हो गई है। कवियत्री अनामिका अंबर उत्तर प्रदेश के मेरठ से प्रगतिशील समाजपार्टी के प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव  लड़ सकती हैं।

कौन हैं अनामिका अंबर

डॉ अनामिका अम्बर का जन्म सन 1983 में बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के धनगौल ग्राम में हुआ। उनके पिता श्री उत्तम चंद जैन ललितपुर शहर के नामी वकील हैं। उनकी माता श्रीमती गुणमाला जैन गृहणी हैं। अनामिका की आरंभिक शिक्षा ललितपुर के कोंवेंट विद्यालय में हुई। एक ओर जहाँ उन्होंने लौकिक शिक्षा ग्रहण की वहीँ माता जी के धार्मिक संस्कार भी उनमे कूट कूट के समा रहे थे।

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बचपन से ही हिंदी के प्रति उनकी रूचि उन्हें हिंदी कविताओं की ओर खींचने लगी। उनको संगी साथी भी ऐसे ही मिल गए जो कविता के प्रति रुचिकर थे। उनका साथ अनामिका को और अधिक बल देने लगा। धीरे धीरे उनकी रूचि उनको हिंदी कविता के मंच तक ले आयी। बाल कवयित्री के रूप में उन्हें श्रोता मन से सुनने लगे।

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पारिश्रमिक के रूप में मिलने वाला बहुत थोडा मान उन्हें प्रेरक पुरस्कार सा लगने लगा।बारवी कक्षा के बाद उनका चयन सी.पी.एम.टी. में हो गया।  किन्तु पूरे खानदान में इकलौती बेटी होने के कारण परिवार ने उन्हें डाक्टरी की पढाई के लिए दूर भेजना उचित नहीं समझा इसलिए उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी विश्व् विद्यालय से विज्ञान में स्नातक एवं परास्नातक पास किया। पढाई के प्रति उनकी निष्ठां उन्हें वाचस्पति की डिग्री की ओर ले गई।  जीवाजी यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने Ph.D. किया।

इसी मध्य हिंदी काव्य मंचों के युवा कवि सौरभ जैन सुमन के साथ उनकी भेंट हुई। दोनों की जोड़ी को हिंदी मंचो पर पसंद किया जाने लगा।  6 वर्ष अनवरत उनके साथ कविता के मंच करने के बाद सन 2006 में दोनों ने घर वालों की सहमती से विवाह किया।

उसके बाद हिंदी काव्य मंचों का प्रथम विख्यात कवियुगल होने का गौरव भी प्राप्त किया। यूँ तो कुछ और भी नाम ऐसे हैं जिन्होंने हिंदी मंचों पर एक दुसरे को जीवन साथी के रूप में चुना है किन्तु सौरभ सुमन-अनामिका अम्बर में विशेष ये रहा की विवाह के उपरांत भी दोनों मंच पर अपनी प्रस्तुति देते रहे और सफलता के शिखर की ओर अग्रसित होते रहे। आज कवि सम्मेलनों के मंच पर एक मात्र युगल दंपत्ति के रूप में दोनों स्थापित हैं।

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