नरेंद्र मोदी की मिमिक्री करने वाले पर चढा राजनीति का रंग, चुनाव में दे सकते हैं चुनौती
वाराणसी: लोकसभा चुनाव के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री करने वाले कलाकार श्याम रंगीला वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. कहा जा रहा है श्याम रंगीला टेलीविजन के सपने को छोड़कर राजनीति से कॉमेडी की दुनिया में प्रवेश करने जा रहे हैं. पीएम मोदी की नक़ल करके नाम कमाने वाले श्याम रंगीला ने एलान किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी के चुनाव लड़ेंगें. उन्होंने बताया कि ” लोकतंत्र कायम रहे” की प्रतियोगिता सुनिश्चित करना केवल प्रतीकात्मक नहीं है. हम पूरे मन से चुनाव लड़ेंगे और नामांकन दाखिल करने के बाद चुनावी मैदान में उतरेंगे.
वापस नहीं लेंगें पर्चा…
मिमिक्री करने वाले कलाकार श्याम रंगीला ने बताया कि वह सूरत और इंदौर की तरह पर्चा वापस नहीं लेंगें. पर्चा वापस लेने के से BJP को वॉकओवर का मौका मिल गया और हम कम से कम यह कहने के लिए खड़े होंगें कि हमने लोकतंत्र बचाने के लिए संघर्ष किया है और लोक्ततंत्र को खतरे में नहीं आने देंगे. श्याम ने कहा कि वाराणसी में चाहे सभी लोग पर्चा वापस ले लें लेकिन मेरा पर्चा वहीँ रहेगा.
मोदी नहीं असली फ़कीर मै….
श्याम रंगीला ने कहा कि मोदी तो अपने आपको फ़कीर कहते हैं लेकिन वह बनावटी फ़कीर हैं, असली फ़कीर तो मैं हूँ. मुझे ED और CBI की चिंता नहीं. अगर मेरे खातों की जांच की जाए तो मुझे कोई चिंता नहीं. …असली फ़कीर मैं हूँ. झोला उठा कर चल दूंगा क्योंकि पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में एक भाषण में खुद को फ़कीर बताया था.
शो ऑफर मिलते थे स्क्रिप्ट को मंजूरी नहीं…
श्याम रंगीला ने कहा कि मैं मोदी का कट्टर प्रशंसक हुआ करता था लेकिन जब से मेरे पर प्रतिबंध लगा दिया गया. मैं जो करना चाहता था वह नहीं कर पाया क्योंकि प्रतिबंध के बाद जब मैं टीवी- शो में जाता था तब मुझे पता चलता था कि मुझे मेरे अभिनय या स्क्रिप्ट को मंजूरी नहीं मिलती थी और मुझे एक के बाद एक शो से हटा दिया था.
राजस्थान के रंगीला काशी से लड़ेंगे
बता दें कि श्याम रंगीला राजस्थान से ताल्लुक रखते है. 29 साल के इस कलाकार को देशभर में काफी शोहरत मिल चुकी है. वह पीएम की आवाज निकालते हैं. उन्होंने घोषणा की है कि वह वाराणसी से पीएम के खिलाफ ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि उनका चुनाव लड़ना महज सांकेतिक नहीं होगा बल्कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा संदेश होगा. अगले 2-3 दिन में ही वह वाराणसी जा रहे हैं और अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.