जानें, नीतीश सरकार के बहुमत का ‘शक्ति परीक्षण’
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित सरकार शुक्रवार को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। इसके लिए सुबह 11 बजे से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया है। इधर, दो दिन पूर्व तक सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस ने विश्वासमत प्रस्ताव का विरोध करने का ऐलान किया है। इधर, जद (यू) ने विश्वासमत हासिल करने का दावा किया है।
बिहार विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र शुक्रवार सुबह 11 बजे से बुलाया गया है। इस सत्र में एकमात्र एजेंडा नवगठित सरकार द्वारा पेश विश्वासमत पर विचार-विमर्श और मतदान है।
विधानसभा में आंकड़ों का गणित देंखें तो बिहार की 243 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है। इसमें भाजपा के 53, जद (यू) के 71, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के दो, लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के दो और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एक विधायक सरकार के साथ माने जा रहे हैं।
ऐसे में संभावना है कि सरकार को विश्वासमत हासिल करने में दिक्कत नहीं होने वाली है। राजग ने राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी है।
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इधर, राजद और कांग्रेस ने गुप्त मतदान करने की मांग करते हुए सरकार के विरोध में मतदान करने की घोषणा की है। विधानसभा में राजद के 80 और कांग्रेस के 27 विधायक हैं।
राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने सभी विधायकों से अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बिहार में नवगठित सरकार जनादेश के साथ धोखा है।
इस बीच, विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर विधानसभा परिसर के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
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