गर्लफ्रेंड के चक्कर में हुई थी हत्या, बबुल के जंगल में मिली थी युवक की लाश

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वाराणसी कमिश्नरेट के चौबेपुर थाने की पुलिस करीब एक महीने पूर्व बबुल के जंगल में मिली युवक की लाश के मामले का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक दोस्त की गर्लफ्रेंड से प्रेम प्रसंग के चक्कर में गाजीपुर के बिरनो थाना के तिलेसड़ा गांव निवासी शादीशुदा आलोक यादव (32) की कनपटी और मुंह में गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में पुलिस ने गुरुवार की देर शाम तिलेसड़ा गांव निवासी विजय यादव उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर वारदात का राजफाश किया. पुलिस इस घटना के सूत्रधार गाजीपुर के कल्यानपुर गांव के रोहित यादव और उसके दोस्त लीलापुर गांव के रवि यादव की तलाश सरगर्मी से कर रही है.

चौबेपुर थाना क्षेत्र के राजवारी (भंदहां कला) गांव में गोमती नदी के पास बबूल के जंगल में 11 जून की सुबह एक युवक का लहूलुहान शव मिला था. 14 जून को शव की पहचान आलोक यादव के रूप में होने पर 15 जून को पोस्टमार्टम हुआ था. 17 जून को आलोक के छोटे भाई प्रदीप ने चौबेपुर थाने में तहरीर देकर हत्या और शव गायब करने का प्रयास करने के आरोप में तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया. प्रदीप ने बताया कि आलोक छह वर्ष बाद 3 मार्च 2024 को सऊदी अरब से घर आया और फिर उसकी शादी हुई.

दोस्‍तों संग लखनऊ जाने को कह कर निकला था घर से

नौ जून की शाम विजय यादव उर्फ विक्की के यहां दावत रखी गई थी, जिसमें आलोक, रोहित और तीन-चार अन्य लोग भी शामिल थे. वहां से देर रात आलोक घर आया. 10 जून को आलोक ने बताया कि वह विजय और रोहित यादव व अन्य दोस्तों के साथ लखनऊ घूमने जा रहा है. उसने 12 जून को घर वापस आने की बात कही थी.

10 जून की रात 9.30 बजे आलोक से फोन पर बात हुई, उसके बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा. 12 जून तक आलोक घर नहीं आया तो प्रदीप ने विजय यादव उर्फ विक्की से पूछा लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. रोहित यादव और उसके रिश्तेदार रवि यादव से भी आलोक के बारे में पूछने पर कोई जानकारी नहीं मिली तो परिजनों की चिंता बढ गयी.

वह अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने बिरनो थाने गया तो पुलिस ने उसे एक शव की फोटो दिखाई. शव की पहचान कर वह चौबेपुर थाना आया. इसके बाद विजय यादव उर्फ विक्की, रोहित यादव और रवि यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

शराब पिलाकर मारी थी गोली, एक माह बाद खुलासा

एसीपी सारनाथ डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमे के तीन नामजद आरोपी हैं. तीनों अपना घर छोड़ कर भागे थे. जगह बदल-बदल कर रहने के बावजूद तीनों मोबाइल से परिजनों और दोस्तों के संपर्क में थे. सर्विलांस की मदद से विजय की लोकेशन ढकवा तिराहा के पास मिली.

चौबेपुर थाने के दरोगा विद्याशंकर शुक्ला और हेड कांस्टेबल बृजेश पांडेय व कृष्णानंद पांडेय की टीम ने विजय को गिरफ्तार कर लिया. दो अन्य की तलाश में दो टीमें लगाई गई हैं. विजय ने पूछताछ में कहा कि रोहित ने उससे बताया था कि क्षेत्र की एक युवती और वह एक-दूसरे से प्यार करते हैं. उसी युवती से आलोक यादव भी प्रेम करने का प्रयास कर रहा है. मना करने के बाद भी नहीं मान रहा है. उसका आलोक से कई बार विवाद भी हो चुका है. आखिरी विकल्प यही है कि आलोक को रास्ते से हटा दिया जाए.

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रोहित ने उसके और रवि के साथ प्लान बनाया कि 10 जून की शाम लखनऊ जाने के लिए घर से निकलेंगे. साथ में आलोक को भी लेंगे और रास्ते में उसका काम तमाम कर दिया जाएगा. 10 जून की शाम रोहित द्वारा मंगाई गई कार से चारों लखनऊ निकले. रात 11 बजे सिधौना से आगे गोमती नदी पार कर भंदहां गांव के पास वाराणसी-गाजीपुर हाईवे से उतर कर बबूल के जंगल में गए. वहां बैठकर चारों ने शराब पी. आलोक जब नशे में धुत हो गया तो रोहित ने तमंचा निकाल कर उसकी कनपटी में दाएं तरफ और मुंह पर गोली मार दी. वारदात में प्रयुक्त तमंचा और कार रोहित यादव के ही पास है.

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