बेस्ट हड़ताल : सड़कों पर पसरा सन्नाटा, लोग परेशान
अलग-अलग मांगों को लेकर मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ ऐंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया है। मुंबई में सड़कों पर सन्नाटा पसरा है।
बस स्टॉप में कुछ लोग बसों का इंतजार भी कर रहे हैं। बेस्ट कर्मियों की प्रमुख मांग है कि बेस्ट बजट को बीएमसी के मूल बजट में शामिल किया गया जाए।
इसके अलावा कर्मचारी सेवा आवास और भर्तियों को लेकर भी मांगें हैं। मामले में मंगलवार को ऐक्शन कमिटी की एक मीटिंग होनी है। इससे पहले रविवार को बेस्ट परिवहन के कर्मचारियों ने सोमवार शाम से हड़ताल पर जाने को लेकर घोषणा कर दी थी।
यूनियन लीडर शंशाक राव ने तो उन्होंने यह भी कहा था कि पिछले डेढ़ सालों से ग्रैच्युटी और वेतन से जुड़े विभिन्न मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक हड़ताल नहीं टलेगी। इससे पहले बेस्ट प्रशासन ने सर्क्युलर जारी कर विभिन्न विभागों को उनके अंतर्गत काम करने वाले किसी भी कर्मचारी को 7 जनवरी से छुट्टी नहीं देने का आदेश दिया था।
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सर्क्युलर में बताया गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने 4 जनवरी को बेस्ट की दो सर्विस को मेस्मा के अंतर्गत शामिल किया है। इसमें इलेक्ट्रिक सप्लाइ और ट्रांसपोर्ट की सर्विस है।
इसमें यह भी कहा गया था कि यदि कोई कर्मचारी यूनियन द्वारा 7 जनवरी की रात से घोषित हड़ताल में शामिल होता है, तो उस पर मेस्मा के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। 4 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार के शहरी विकास विभाग की ओर से बेस्ट की दो सर्विस को मेस्मा के अंतर्गत लाने की जानकारी दी गई थी। वहीं, कर्मचारियों ने कहा है कि उन्हें मेस्मा से डर नहीं लगता।
क्या हैं कर्मचारियों की मांगें:
-कर्मचारियों की मुख्य मांग बेस्ट बजट का बीएमसी बजट में विलय की है, जिससे फंड की कमी से जूझ रहे कॉर्पोरेशन की स्थिति सुधर सके।
-पिछले दो साल से प्रलंबित वेतन करार तत्काल करने की जरूरत है।
-कर्मचारी सेवा आवास और भर्तियों को लेकर भी मांगें हैं।
-2007 के बाद कार्यरत कर्मचारियों का मास्टर ग्रेड पर फिक्सेशन हो।
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