अब बेनामी संपत्त‍ि पर सर्जिकल स्ट्राइक करेगी मोदी सरकार!

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मोदी सरकार विदेश में जमा भारतीयों के काले धन को देश में लाने और देश में काला धन जमा करने वालों पर सख्त कार्रवाई का वादा कर सत्ता में आई थी। इस मामले में सरकार ने प्रयास जरूर किए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ नहीं हो पाया है। अगले साल ही सरकार को चुनाव में जनता के बीच जाना है और यह उसका अंतिम पूर्ण बजट है। ऐसे में सरकार के पास यही अंतिम मौका है, जिसमें वह इस दिशा में कुछ ठोस उपाय कर सकती है। इसमें बेनामी संपत्ति पर सर्जिकल स्ट्राइक भी हो सकता है। जानते हैं कि इस बजट में सरकार द्वारा कालेधन से निपटने की दिशा में और क्या घोषणाएं हो सकती हैं।

बेनामी संपत्त‍ि पर प्रहार

फाइनेंशियल एक्सप्रेस अखबार के अनुसार काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसा प्रहार करने के लिए सरकार बेनामी संपत्ति को जब्त करने या इसके बारे में कोई और सख्त कदम उठाने की घोषणा कर सकती है। यह ऐसी संपत्त‍ि होती है, जो लोग टैक्स विभाग की नजर से बचने के लिए किसी दूसरे के नाम पर रखते हैं। इसमें ऐसे लेनदेन आते हैं जिसमें लाभार्थी अपने नाम से नहीं से नहीं बल्कि किसी दूसरे नाम से कोई प्रॉपर्टी खरीदता है और किसी न किसी तरीके से उसका उस प्रॉपर्टी पर हक बना रहता है। इसमें किसी संदिग्ध नाम से हुआ लेनदेन, ऐसा लेनदेन जिसमें प्रॉपर्टी का मालिक साफ इंकार करता है कि उसके नाम से प्रॉपर्टी है या ऐसा सौदा जिसमें मालिक की पहचान करना मुश्किल हो, सभी आते हैं।
बेनामी एक्ट की धारा 53 के अनुसार ऐसे सौदे करने वाले प्रॉपर्टी के असल मालिक, बेनामीदार या इस सौदे में शामिल सभी लोग दोषी माने जाते हैं और उन्हें एक से सात साल के कैद तथा प्रॉपर्टी के बाजार कीमत के 25 फीसदी तक जुर्माने की सजा दी जा सकती है। ऐसी किसी भी प्रॉपर्टी का पता लगने पर सरकार उसे जब्त कर सकती है।

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जानकारों का कहना है कि नोटबंदी की तरह बेनामी संपत्त‍ि को जब्त करने जैसे कदम का सरकार को चुनावी लाभ मिल सकता है। जैसे नोटबंदी में एक बहुत बड़े वर्ग को लगता था कि इससे सिर्फ काले धन वाले, चोर, बेइमान परेशान हो रहे हैं। उन्हें खुद को भले दिक्कत हो, लेकिन वे हमेशा इसके लिए मोदी सरकार की सराहना की करते रहे। वैसे ही बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई के बाद सरकार को गरीबों, मिडिल क्लास के एक बड़े वर्ग का समर्थन मिल सकता है।

घर में कैश रखने की सीमा

इसकी चर्चा काफी समय से चल रही है। काले धन पर अंकुश के लिए मोदी सरकार लोगों के अपने घर में एक सीमा से ज्यादा नकदी रखने पर रोक लगा सकती है। इसमें ऐसा किया जा सकता है कि यदि किसी को इस सीमा से ज्यादा रकम रखना जरूरी है तो वह ऐप या वेबसाइट के द्वारा इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दे सकता है। इसमें व्यक्ति को अपने पैन, आधार, कैश के स्रोत आदि की जानकारी देने की शर्त होगी।

काले धन की रोकथाम के लिए निवारक उपाय

देश में कालेधन के प्रवाह को रोकने के लिए सरकार बजट में कुछ निवारक उपाय कर सकती है। सरकार काले धन के जड़ पर प्रहार करने के लिए कुछ निवारक उपाय कर सकती है। सरकार लोगों को ‘सफेद धन यानी वैध तरीके से लेनदेन को प्रोत्साहित कर सकती है और ऐसे सभी रास्तों को बंद कर सकती है जिनसे टैक्स चोरी को प्रोत्साहन मिलता है। टैक्सपेयर्स कर चोरी के रास्ते न तलाशें और ईमानदार रहें, इस‍के लिए उन्हें फ्री मेडिक्लेम और क्रिटिकल इलनेस कवर जैसी सुविधाएं दी जा सकती हैं।
इसके अलावा जीएसटी रिटर्न के आधार पर एमएसएमई के लिए आसान बैंक लोन की व्यवस्था की जा सकती है ताकि उन्हें साहूकार टाइप के स्थानीय कर्जदाताओं के पास न जाना पड़े। ऐसा माना जाता है कि तमाम छोटे कारोबारी अपना दैनिक कारोबार चलाने के लिए ऐसे भ्रष्ट नेताओं, अफसरों या बड़े व्यापारियों से रकम उधार लेते हैं, जिनके पास अच्छा काला धन जमा होता है। इसके लिए उन्हें ऊंची ब्याज भी देनी पड़ती है। बैंकों से कर्ज मिलने में मुश्किल की वजह से उन्हें ऐसा करना पड़ता है। साथ ही, कैशलेस परचेज पर जीएसटी के एक निश्चित हिस्से की कैशबैक जैसी योजनाओं की घोषणा की जा सकती है। इससे जीएसटी और कैशलेस लेनदेन दोनों को एक साथ प्रोत्साहित किया जा सकता है। इससे टैक्स चोरी रुकेगी और नकदी की जरूरत भी कम होगी। इससे उपभोक्ताओं में भरोसा बढ़ेगा, व्यापार बढ़ेगा और सरकार के टैक्स खजाने में बढ़ोतरी होगी।

aajtak

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