नाराज विधायकों को मनाने में लगे कमलनाथ

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मध्य प्रदेश (madhyapradesh) में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के शपथ लेने के 3 दिन बाद भी मंत्रालय का बंटवारा नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि इस देरी के पीछे मुख्य वजह वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ हर तरह से बैलेंस बनाने में लगे हैं।

बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ब्यूरोक्रेट्स और कैबिनेट के साथ संयुक्त बैठक के लिए जाने से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा था, ‘मैं पोर्टफोलियो तभी बांट सकता हूं जब मुझे इसके लिए कुछ समय मिलेगा।’

गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद, मंत्री बंटवारे के सवाल पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से पूछिए, सिर्फ वही बता सकते हैं कि विभाग कब बांटे जाएंगे।

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‘ बहरहाल, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी में पदाधिकारियों ने माना कि कई वरिष्ठ नेता मंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी खुश नहीं है। वजह यह है कि सात बार के वरिष्ठ विधायक हों या दो बार के युवा विधायक, दोनों को समान पद दिए जा रहे हैं।

वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ संतुलन बनाए रखने का काम कर रहे हैं लेकिन फिर वह पार्टी के सभी धड़ों को खुश करने में समर्थ नहीं हैं। इसी वजह से मंत्रालय के बंटवारे में देरी हो रही है। इस बीच सूत्रों का कहना है कि जिन कैबिनेट में शामिल न किए जाने को लेकर विधायकों में नाराजगी दूर करने के लिए कमलनाथ इनमें से कुछ लोगों को संसदीय सचिव बनाए जाने की संभावना है।

कमलनाथ ने टिकट बंटवारे के दौरान भी जिन नेताओं को टिकट नहीं मिल पाया था उन्हें कैंपेन मैनेजर बना दिया था। इस तरह के 70 लोग चुने गए थे। इस मामले में राजस्थान, मध्य प्रदेश से आगे निकल गया जहां काफी जद्दोजहद के बाद मंत्रालय का बंटवारा हो गया है।’

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