33.5 करोड़ जनधन खातों में से 25.6 करोड़ ऐक्टिव
6 करोड़ ग्रामीण और डेढ़ करोड़ शहरी परिवारों तक पहुंच बनाने का शुरुआती लक्ष्य पूरा करने के बाद, जनधन योजना के तहत 33.5 करोड़ खाते खोले गए हैं। इनमें 25.6 करोड़ रुपये ऑपरेशनल हैं। इन खातों में जमा राशि करीब 85,494 करोड़ रुपये है। इस योजना के लिए सरकार ने अब नया लक्ष्य तय किया है।
माइक्रो यूनिट के लिए क्रेडिट गारंटी की योजना
सरकार की कोशिश है कि यह योजना अब हर उस वयस्क व्यक्ति तक पहुंचे, जिसके पास बैंक में खाता नहीं है। सरकार ने संसद में बताया कि सरकार की तरफ से अब तक 26 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसमें ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के साथ माइक्रो यूनिट के लिए क्रेडिट गारंटी की योजना भी है।
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नॉर्म्स के मुताबिक, जिस खाते में दो साल में एक बार भी ट्रांजेक्शन हुआ है, उसे ऐक्टिव माना जाता है। लगभग 76 प्रतिशत खाते ऐक्टिव हैं। इनमें कई खातों का इस्तेमाल डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) के लिए होता है। जबकि ओवरड्राफ्ट सुविधा सिर्फ उन्हीं खातों को दी जाती है, जिनमें नियमित तौर पर क्रेडिट होता है। ओवरड्राफ्ट के लिए अधिकतम सीमा 5000 से 10000 कर दी गई है, जबकि समय सीमा 60 साल से 65 साल की गई है।
अर्बन-मेट्रो अकाउंट होल्डर्स ने इसका फायदा
बीजेपी के सांसद वरूण गांधी और ऐंगलो-इंडियन सांसद जॉर्ज बेकर के सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि दिसंबर 2012 तक करीब 19.6 करोड़ ग्रामीण और सेमि अर्बन अकाउंट होल्डर्स और 13.6 करोड़ अर्बन-मेट्रो अकाउंट होल्डर्स ने इसका फायदा लिया है।
मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कीब 5.2 करोड़ बैंक खाते हैं, जिनमें 14,882 करोड़ रुपये हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में इन खातों में 11,470 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके बाद बिहार 8,417 करोड़, राजस्थान 6360 करोड़ और महाराष्ट्र और एमपी में 5035 करोड़ और 4325 करोड़ रुपये हैं।साभार
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