उन्नाव कांड : पीड़िता के चाचा पर 12 दिन में दर्ज कराए गए 3 मुकदमे

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सीबीआइ की जांच के साथ विधायक कुलदीप सेंगर की हिमायती पुलिस द्वारा पीडि़ता के चाचा के खिलाफ की गई व्यूह रचना तार-तार होते दिख रही है। पीडि़त किशोरी के विधायक पर आरोप लगाने के बाद पैरवी कर रहे उसके चाचा पर जो चार मुकदमे दर्ज (registered) कराए गए उन सबमें से तीन में घटना का दिन एक ही दर्शाया गया। हालांकि दर्ज वह 12 दिनों के भीतर अलग-अलग लोगों द्वारा कराए गए। सभी वादियों का जुड़ाव भी विधायक से है। मुकदमों में फंसाने के खेल में विधायक की सहयोगी रही पुलिस को कतई गुमान न था कि उसका किया कभी बेपर्दा भी होगा। हालांकि अब सीबीआइ के संज्ञान लेने के बाद अब मुकदमा दर्ज करने और करवाने वालों पर भी शिकंजा कस रहा है।

12 दिन में तीन मुकदमे, घटना का दिन एक

मुकदमों के सभी वादी का जुड़ाव भी एक ही व्यक्ति से, सुनने भर से कोई भी समझ जाएगा कि सब साजिश के तहत हुआ। दुष्कर्म पीडि़ता द्वारा विधायक पर आरोप लगाए जाने के बाद उसके पिता और चाचा को मुकदमों के जाल में फंसाने का खेल शुरू हो गया। चाचा क्योंकि दिल्ली में रहकर कारोबार करता था, उसका गांव आना न के बराबर होता। आरोप लगने के बाद वह 21 अक्टूबर, 2017 को माखी गांव के अपने घर आया और उसके बाद ही उसकी शामत आ गई। विधायक के करीबियों ने दूसरे दिन से ही मुकदमे दर्ज कराना शुरू कर दिया। हालांकि पीडि़ता के चाचा के मुताबिक वह 21 अक्टूबर को ही गांव से लौट गया था।

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दुष्कर्म के मामले में विधायक कुलदीप सेंगर के साथ आरोपित शशि सिंह ने 22 अक्टूबर 2017 को तहरीर देकर माखी थाने में अपराध संख्या 464/17 से जो वाद दर्ज कराया उसमें उन्होंने आरोप लगाया कि 21 अक्टूबर की रात 10 बजे पीडि़ता के चाचा ने उसके घर में घुसकर न सिर्फ मारा पीटा बल्कि डराया और धमकाया भी।

मुकदमा-दो

विधायक के अति करीबी माने जाने वाले विनोद मिश्र ने 30 अक्टूबर को माखी थाने में अपराध संख्या 475/17 से मुकदमा दर्ज कराया। तहरीर में 21 अक्टूबर को घटना का वक्त शाम छह बजे बताते हुए मानहानि, सम्मान को ठेस पहुंचाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पीडि़ता के चाचा व एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपी बनाया है। हालांकि पीडिता के चाचा का दावा है कि उस वक्त वह गांव में था ही नहीं।

मुकदमा-तीन

विधायक के रिश्तेदार राजकुमार ङ्क्षसह ने माखी थाने में ही अपराध संख्या 477/17 में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने भी घटना 21 अक्टूबर की बताते हुए एक नवंबर को जो तहरीर दी उसमें फेसबुक पोस्ट का जिक्र करते हुए आइटी एक्ट और डरा धमकाकर जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराते हुए पीडि़ता के चाचा के साथ चाची को भी नामजद किया।

तीन मुकदमे दर्ज कराने में लगे 12 दिन

तीनों मुकदमों को दर्ज कराने में 12 दिन का वक्त लगने और सभी के वादी की विधायक से नजदीकी ये समझाने के लिए काफी थी कि पुलिस को मुकदमों की पेशबंदी के लिए इस्तेमाल किया गया और वह सत्ता के रसूख के आगे होती भी रही। मुकदमों की फेहरिश्त यही नहीं खत्म नहीं हुई बल्कि विधायक के एक और नजदीकी नवाबगंज के ब्लाक प्रमुख अरुण ङ्क्षसह ने 27 दिसंबर को दी गई तहरीर पर माखी थाने में अपराध संख्या 664/17 पर आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया।

विधायक के मुलाजिमों ने भी दर्ज कराए मुकदमे

पीडि़ता के चाचा के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों के सभी वादी विधायक के खास हैं तो उनके मुलाजिम भी मुकदमों के वादी हैं। पीडि़ता के पिता के खिलाफ दर्ज एक मुकदमा विधायक के चालक जगरूप ङ्क्षसह यादव की ओर से 14 दिसंबर को दर्ज कराया गया। इसमें उसके द्वारा आरोप लगा गया कि पीडि़ता के पिता ने उसके पिता से 10 दिसंबर, 2017 की रात करीब साढ़े नौ बजे मारपीट की और गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। हालांकि पीडि़ता के चाचा का कहना है कि उसके दिवंगत भाई से ऐसा कोई विवाद हुआ ही नहीं था।

दैनिक जागरण

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