Kashi में पालकी पूजन के साथ गौरा और शंकर के गौने का लोकाचार शुरू

रंगभरी एकादशी को परिवार संग काशीपुराधिपति भक्तों के साथ खेलेंगे होली

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रंगभरी एकादशी के दिन काशी पुराधिपति श्रीकाशी विश्वनाथ और मां गौरा की धूमधाम से शादी के बाद चल प्रतिमा भ्रमण पर निकलती है. काशीवासी अपने अराध्य के साथ अबीर-गुलाल की जमकर होली खेलते हैं. फिर इसी दिन से काशी में होली की शुरुआत मानी जाती है. रंगभरी एकादशी के दिन बाबा राजशाही पगड़ी धारण करेंगे. दुल्हा बने बाबा तीनों लोकों के स्वामी के रूप में दर्शन भक्तों को दर्शन देंगे.

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माता पार्वती अपने लिए खास तौर पर तैयार बरसाने की घाघरा पहनेंगी और शिव अपने पुत्र गणेश के साथ उनकी विदाई कराकर घर ले आएंगे. इस अद्भुत और पौराणिक क्षण की तैयारी के लिए तैयारियां जोरों पर है. रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा के निमित्त होने वाला लोकाचार पालकी पूजन के साथ रविवार को शुरू हो गया. इसके साथ ही रंगभरी एकादशी के दिन बाबा के भक्त एक बार फिर माता गौरा से उनके विवाह और गौने के अलौकिक समारोह के साक्षी बनेंगे.

राजसी परिधान में भोलेनाथ देंगे भक्तों को दर्शन

इस वर्ष रंगभरी एकादशी का उत्सव 20 मार्च को मनाया जाएगा. टेढ़ीनीम स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी के आवास पर बाबा की पारम्परिक पालकी की साफ-सफाई के बाद पूजन किया गया. पालकी और सिंहासन का पूजन पं. वाचस्पति तिवारी ने किया. पूजन पं. सुशील त्रिपाठी के आचार्यत्व में पांच वैदिक ब्राह्मणों ने कराया. वहीं कोलकाता से लाए गए ‘देव किरिट’ और काठियावाड़ से भेजे गए शिव पार्वती के राजसी परिधानों को तैयार कर लिया गया है. दशाश्वमेध में महादेव के राजसी वस्त्र विनोद मास्टर तैयार कर रहे हैं. यह दायित्व निभाने वाले टेलर मास्टर विनोद अपने परिवार की चौथे पीढ़ी के सदस्य हैं.

गौनीहारिनों की टोली गाएंगी मंगलगीत

रंगभरी एकादशी के अवसर होने गौना के निमित्त महंत आवास गौरा के मायके में परिवर्तित हो चुका है. 18 मार्च को गौरा के तेल-हल्दी की रस्म निभाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती के विवाह की रस्म विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर लोकपरंपरानुसार पूरी की गई थी. महंत पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि गौरा के गौना के लिए महाशिवरात्रि के बाद महंत आवास गौरा-सदनिका में परिवर्तित हो जाता है. गौनहारिनों की टोली मंगल गीत गाएगी. गौना के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को परम्परागत खादी के बने राजसी पोशाक धारण कराए जाएंगे. गौरा के लिए काठियावाड़ से एक भक्त ने घाघरा भेजा है. 19 मार्च को टेढ़ीनीम स्थत गौरा सदनिका (महंत आवास) में बाबा के बारात का आगमन होगा. बाबा के गौना के अवसर पर टेढ़ीनीम महंत-आवास पर लोक एवं सुगम संगीत ‘शिवांजलि’ का संक्षिप्त आयोजन होगा. बाबा काशी विश्वनाथ और मां गौरा का गौना 20 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा.

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