आखिर क्यों, भाजपा के पिछड़ते ही रोक दी गई नतीजों की घोषणा
आज विधानसभा के गोरखपुर और फूलपुर में चुनाव की मतगणना चल रही थी। सभी की नजरें टीवी पर टींकी थी एक के बाद एक पार्टी की गिनती बताई जा रही थी। मतगणना के दौरान भाजपा के पिछते ही नतीजों की घोषणा रोक दी गई। गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के वोटों की गिनती जारी है। बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल पहले राउंड की काउंटिग के बाद आगे चल रहे हैं। लेकिन गोरखपुर की मतगणना को लेकर विवाद खड़े हो रहे हैं। सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने EVM में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।
सपा उम्मीदवार बीजेपी से आगे चल रहे हैं
इसके बाद अब मतगणना केंद्र के अंदर मीडिया की इंट्री पर रोक लगा दी गई। इतना ही नहीं आठ राउंड की काउटिंग पूरी हो जाने के बाद भी सिर्फ पहले दौरे के वोटो की गिनती के नजीते घोषित किए गए हैं। जबकि दूसरे राउंड के नतीजे में सपा उम्मीदवार बीजेपी से आगे चल रहे हैं। विवादों के बीच गोरखपुर उपचुनाव के मतों की गिनती जारी है। जिला प्रशासन मीडिया को सूचना नहीं दे रहा है। यहां तक कि अंदर नहीं जाने दिया रहा है। हालांकि, आठ राउंड की मतगणना जारी है, लेकिन नतीजे सिर्फ पहले राउंड के ही घोषित किए गए हैं।
डीएम राजीव रौतेला ने पहले राउंड की मतगणना की नतीजे बताते हुए कहा कि आठ से नौ राउंड की काउंटिंग हो चुकी है, लेकिन कहा कि घोषणा में लंबी प्रक्रिया होती है। आब्जर्वर के हस्ताक्षर के बाद ही नतीजे हम घोषित करते हैं। हमारे पास सिर्फ पहले राउंड के मतों की गिनती के नतीजे की सत्यापित कापी आई है। इसी के मद्देनजर नतीजे घोषित कर रहे हैं।
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वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने इस घटना को गुंडागर्दी और आतंक जैसे सख्त शब्दों से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के आतंक के चलते अधिकारी नतीजे घोषित नहीं कर रहे हैं। निषाद ने कहा कि मतगणना केंद्र से हमारे पर्यवेक्षकों को कमरे से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि EVM में गड़बड़ी करने की आशंका है।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच बार से गोरखपुर से सांसद रहने के बाद पिछले साल यूपी के सीएम बनने के बाद यहां की लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। योगी की कर्मभूमि गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए बीजेपी ने उपेंद्र शुक्ला और बसपा समर्थित सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद हैं। वहीं कांग्रेस ने सुरहिता करीम है।
अखिलेश ने उठाई थे सवाल
ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सपा और बसपा पहले ही सवाल खड़े करते रहे हैं। अखिलेश यादव ने तो ईवीएम को लेकर इसी साल जनवरी में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव ईवीएम से नही। बल्कि बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप और मीटर से चोरी हो रही है तो ईवीएम में भी हेराफेरी हो सकती है। इसे बी खराब किया जा सकता है। अखिलेश ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार ईवीएम के खिलाफ अवाज उठाते आ रहे हैं।
तीसरे राउंड के बाद अचानक 10वें राउंड के आंकड़े जारी
तीसरे राउंड में बीजेपी 1523 वोटों से पीछे थी जबकि उसके बाद अचानक 10वें राउंड के आकंड़े में बीजेपी को 7996 वोटों की बढ़त के आंकड़े ने डीएम की मंशा पर सवाल उठाये हैं.
बता दें कि फूलपुर और गोरखपुर में उपचुनाव के बाद मतगणना हो रही है और दोनों ही सीटों पर बीजेपी की हालत ख़राब है जो कि बीजेपी के लिए निश्चित ही परेशानी की बात है.
DM राजीव रौतेला ने दी अपनी सफाई:
हालाँकि बाद में डीएम रौतेला ने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया के लिए अच्छे इंतजाम किये गये हैं और उनके बैठने की व्यवस्था, वहां टीवी लगी है, उनके लिए नास्ते किया गया है और वो चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। रौतेला ने किसी भी प्रकार के धांधली के आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया।
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