कोर्ट ने बढ़ाई राजा भैया की मुश्किलें!

डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड का जिन्न बोतल से निकला बाहर

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के कुंडा विधायक राजा भैया की मुश्किलें बढ़ने वाली है सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड के मामले में सीबीआई जांच को जारी रखने का आदेश दिया है। हालांकि सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सबमिट किया था। अब हम कोर्ट के इस आदेश के बाद यह समझने का प्रयास करते हैं कि राजा भैया की मुश्किलें अचानक क्यों बढ़ी? मृतक डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में उनकी पत्नी की तरफ से आरोप लगाते हुए एक प्रर्थना पत्र दिया गया था कि राजा भैया के खिलाफ सीबीआई ने महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है।

कुंडा से जीत का राजा ने बनाया है रिकॉर्ड

अब हम राजा भैया के राजनैतिक कैरियर को जानने का प्रयास करते हैं  2024  में लोकसभा का चुनाव होना है ऐसे में बीजेपी उत्तर प्रदेश में 80 सीटों पर जीत हासिल करने का दावा कर रही है। बीजेपी 80 सीटों को पाने के लिए साम दंड भेद और निति अपनाने के लिए तैयार है। बीजेपी के रास्ते में जो कोई भी दल सामने आएगा उसे बीजेपी अपने साथ कर लेगी। राजा भैया अभी तक कुंडा से सदैव चुनाव जीतते आएं हैं चाहें वो निर्दल ही क्यों ना लड़ें ऐसे में बीजेपी की चिंता बढ़नी स्वाभिवक है। 2022 के विधानसभा चुनाव में राजा भैया अपनी पार्टी से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बैनर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते भी। राजा भैया लगातार 7 बार से कुंडा से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी कायम कर चुके हैं।

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राजा की अभीतक बनीं है बीजेपी से दूरी

हालांकि राजा भैया भारतीय जनता पार्टी को साधने का प्रयास करते रहें हैं लेकिन नाकाम रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल में अभी अपनी जगह नहीं बना पाएं है। इसके पिछे का कारण राजा भैया की दबंग वाली छवि भी हो सकती है। राजा भैया कुंडा के एक बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं जिनका दबदबा पूर्वांचल से लेकर मध्य उत्तर प्रदेश तक है। यूं कह लें कि राजा भैया का सिक्का चलता है। राजनीति में भी एक मजे हुए खिलाड़ी की भूमिका निभाते हैं जिस भी पार्टी के साथ राजा रहे उसको फायदा दिलाने का काम करते आएं है। एक समय समाजवादी पार्टी के पूर्वी उत्तर प्रदेश में जिताने के लिए मेहनत करते हुए देखे गए।

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