अरब के बंदरगाह पर एक साल से फंसे भारतीयों की हालत बद् से बद्तर
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के फुजैरा बंदरगाह पर पिछले साल जून से रोके हुए भारतीय व्यापारिक पोत (मर्चेंट शिप) महर्षि वामदेव के चालक दल के 18 सदस्यों की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। जहाज के कैप्टन ने बताया है कि क्रू सदस्यों का वजन तेजी से गिर रहा है, वे तनाव में हैं और कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं।
फुजैरा बंदरगाह के अधिकारियों ने रोक लिया था
गैस वाहक जहाज महर्षि वामदेव को उसकी स्वामी कंपनी वरुण ग्लोबल द्वारा कथित तौर पर बकाया राशि का भुगतान ना करने के चलते फुजैरा बंदरगाह के अधिकारियों ने रोक लिया था। जहाज के कैप्टन कुमार कृष्ण ने फुजैरा से ईमेल और वॉट्सएप के जरिए बताया कि क्रू मेंबर्स को भोजन और पानी जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं और उन्हें पूरी सैलरी भी नहीं दी जा रही है।
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इनलोगों की फैमिली और अन्य लोगों ने पोत परिवहन महानिदेशालय, यूएई में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय समेत विभिन्न अधिकारियों को लेटर लिखकर उनसे हस्तक्षेप की मांग की है।
18 क्रू मेंबर्स की चिंता है और वे सभी भारतीय हैं
इलेक्ट्रिकल ऑफिसर जितेंद्र कुमार पांडे को 4 जून को सीने में दर्द के बाद मेडिकल ग्राउंड पर कुछ दिन पहले वहां से निकाला गया था। कृष्ण को अब बाकी के 18 क्रू मेंबर्स की चिंता है और वे सभी भारतीय हैं। कुछ क्रू मेंबर चेचक जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं और तेजी से वजन कम होने की भी खबरें हैं।
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