सहारनपुर : परिजनों ने की आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या कर दी गई थी। मृतक के परिजनों ने केस दर्ज करा कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ हत्या और साजिश रचने का मामला दर्ज किया है। मृतक के परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। अभी भी इलाके में हालात तनावपूर्ण हैं।
सचिन वालिया की गोली लगने से संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी
आपको बता दें कि भीम आर्मी जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया बुधवार को महाराणा प्रताप जयंती के दौरान सचिन वालिया की गोली लगने से संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मौत के बाद इलाके में स्थिती तनाव पूर्ण हो गई और बवाल हो गया। इलाके में बढ़े बवाल को देखते हुए इंटरनेट बूंद कर दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को महाराणा प्रताप जयंती के दौरान सचिन वालिया की गोली लगने से संदिग्ध हालत में मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने शेर सिंह राणा, नगेन्द्र राणा, कान्हा राणा और उपदेश राणा के खिलाफ कोतवाली देहात में नामजद शिकायत दर्ज कराई है। मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया है। भारी पुलिस बल तैनात है। आरोप है कि रामनगर के पास महाराणा प्रताप भवन तक शोभायात्रा निकाली जा रही थी।
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इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी। एडीजी ने बताया कि यह पूरा मामला संदिग्ध है। इसकी जांच की जा रही है। जिला प्रशासन ने तनाव की स्थिति को देखते हुए सहारनपुर में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, क्षत्रिय समाज ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर सहारनपुर के रामनगर में शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी। पहले इस पर प्रशासन का रवैया टालने वाला रहा, लेकिन बाद में मंगलवार को जिला प्रशासन ने 150 लोगों के साथ शोभायात्रा निकालने की अनुमति दे दी।
पूरे इलाके में एक बार फिर जातीय तनाव पैदा हो गया
प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा किया था। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह से शोभा यात्रा की तैयारी हो रही थी। शोभा यात्रा रामनगर के पास महाराणा प्रताप भवन तक पहुंची। उसी वक्त भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया का भाई सचिन भवन के सामने से गुजर रहा था। अचानक किसी ने उस पर गोली चला दी। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से पूरे इलाके में एक बार फिर जातीय तनाव पैदा हो गया। जिला अस्पताल में भीम आर्मी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जमा हो गए। वहां जमकर हंगामा हुआ।
सहारनपुर के जिलाधिकारी पी.के. पांडे और एसएसपी बबलू कुमार जब जिला अस्पताल पहुंचे तो कमल वालिया की उनके साथ नोक झोंक भी हुई। इसके बाद दोनों अधिकारी वहां से चले गए। बताते चलें कि पिछले साल भी महाराणा प्रताप जयंती की शोभा यात्रा के दौरान रामनगर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। इसमें 5 मई से लेकर 23 मई 2017 तक करीब 40 मुकदमे दर्ज किए गए थे। कमल वालिया भी जेल में बंद थे, जो जमानत पर छूटकर बाहर आया है। इस मामले में भीम आर्मी के चंद्रशेखर के खिलाफ भी केस दर्ज करके गिरफ्तार किया गया था।
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