कोर्ट ने जेलों में सुविधाओं को लेकर सरकार को लगाई फटकार
मुंबई उच्च न्यायालय ने जेलों में बंद कैदियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उसके निर्देशों का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथ लिया।
जेल स्थापित करने पर वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सके
अदालत ने इस साल मार्च में कुछ निर्देश जारी कर सरकार से उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित करने को कहा था ताकि जरूरी आधारभूत ढांचे और भीड़भाड़ कम करने के कदमों के साथ आदर्श जेल स्थापित करने पर वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सके। पीठ ने समिति को छह महीनों में रिपोर्ट सौंपकर सिफारिशें देने का निर्देश दिया था।
संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करें
इस मामले को शुक्रवार को जब सुनवाई के लिए रखा गया, न्यायाधीश ए.एस. ओका और एम.एस. सोनाक की पीठ ने कहा कि सरकार ने किसी भी निर्देश का पालन नहीं किया। पीठ ने कहा, केवल एक समिति का गठन हुआ है, इसके अलावा कुछ भी नहीं हुआ। यह हमारे आदेश की अवमानना के बराबर है।हम संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करें?
जेलों के अंदर अति-आधुनिक अस्पताल होने चाहिए
राज्य के मुख्य सचिव खुद इस आदेश से अवगत हैं। पीठ ने सरकार को एक हलफनामा दायर करके स्पष्टीकरण देने को कहा कि वह आदेश का पालन करने में नाकाम क्यों रही। अदालत ने यह मामला जनवरी के लिए स्थगित कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में सरकार से कहा था कि वह मौजूदा जेलों में सुधार के साथ मुंबई और पुणे में और नई जेलें बनाने के लिए जगह का आबंटन करे। उसने यह भी कहा था कि जेलों के अंदर अति-आधुनिक अस्पताल होने चाहिए।
(साभार-एनबीटी)
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