ये हैं बीजेपी के ‘चाणक्य’, पीएम भी लेते हैं इनसे सलाह
भारतीय जनता पार्टी जितनी तेजी से देश में बढ़त बना रहीं है। उसका श्रेय काफी हद तक पीएम मोदी को दिया जाता है, लेकिन पार्टी में एक व्यक्ति ऐसा भी है जिन्हें पार्टी का चाणक्य कहा जाता है। जी हां हम बात कर रहे है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की। खुद पीएम मोदी भी अमित शाह से सलाह लेते है। शाह कहते है कि कभी किसी से अपने राज मत शेयर करो। आज नहीं तो कल वे आपको नष्ट ही कर देंगे।’
बतौर बीजेपी अध्यक्ष तीन साल पूरे कर लिए हैं
अमित शाह इस कथन का कड़ाई से पालन करते हैं। उनके अनुसार, किसी मिशन की सफलता उसकी गोपनीयता पर भी निर्भर करती है। इन दिनों बीजेपी हेडक्वार्टर में ये बात अक्सर दोहराई जाती है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि अमित शाह के निर्णय समय-समय पर न सिर्फ जनता को बल्कि उन लोगों को भी चौंकाते रहे हैं जिनका दिल्ली की राजनीति और पार्टी विशेष में अच्छा दखल माना जाता है। उन्होंने बतौर बीजेपी अध्यक्ष तीन साल पूरे कर लिए हैं।
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देश के 680 में से 325 जिलों का दौरा किया है
अमित शाह का लोहा न सिर्फ उनकी पार्टी के लोग बल्कि विपक्षी भी मानते हैं। एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है, ‘शाह पुराने ढर्रे की राजनीति में भरोसा नहीं करते हैं। जहां पार्टी नेताओं पर मेहरबान रहती है, उनका लक्ष्य तय है और वे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पार्टी को मिली लोकप्रियता को वोटों में बदलना चाहते हैं।’अमित शाह आगे बढ़कर नेतृत्व लेने में भरोसा करते हैं। भाजपा अध्यक्ष बनने के 36 महीनों में शाह ने लगभग 5,68,940 किलोमीटर यात्रा करते हुए देश के 680 में से 325 जिलों का दौरा किया है। अमित शाह ने 575 रैलियों और सभाओं को संबोधित किया है और 2203 संगठन की सभाएं की हैं। अमित शाह संगठन को एक पार्टी की तरह नहीं, बल्कि एक संस्थान की तरह देखते हैं।
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पार्टी के अंदर बने हुए कई धड़ों को ख़त्म किया है
मीडिया को एक भाजपा नेता ने बताया कि जबसे शाह ने पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला है, उन्होंने स्टाफ के किसी भी व्यक्ति को नहीं बदला है। तमाम धारणाओं से अलग पार्टी अध्यक्ष के ऑफिस में गुजरात संबंधी मामलों को देखने के लिए एक ही आदमी है। अमित शाह ने जब से पद संभाला है उन्होंने पार्टी के अंदर बने हुए कई धड़ों को ख़त्म किया है।
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भाजपा के अंदर ही 19 विभाग और 10 प्रोजेक्ट बनाए हैं
उन्होंने भाजपा के अंदर ही 19 विभाग और 10 प्रोजेक्ट बनाए हैं ताकि पार्टी बिना किसी रुकावट के असरदार तरीके से काम कर सके। शाह के करीबी बताते हैं कि 11 करोड़ कार्यकर्ताओं वाली पार्टी को असरदार बनने के लिए एक संगठन की तरह काम करने की जरूरत है। अमित शाह ने इन नए विभागों को बनाकर राष्ट्र को यही संदेश देना चाहा है।
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समय-समय पर बूथ-लेवल संवाद करते रहें
उनके द्वारा विभाग विभाजित करने में इस बात की झलक साफ देखी जा सकती है। जैसे पार्टी में सुशासन, पॉलिसी रिसर्च, कानूनी दस्तावेज, पार्टी की पत्रिकाएं बनाने व छापने संबंधी भी विभाग हैं। प्रशिक्षण और फीडबैक के कामकाज पर भी जोर दिया गया है। जो 10 प्रोजेक्ट पार्टी के अंदर शुरू किए गए हैं उसमें ऑफिस के नवीनीकरण और पार्टी के जिला दफ्तर बनवाने का भी प्रस्ताव है। 2017 के ख़त्म होने तक भारत के सभी जिलों में भाजपा के ऑफिस होंगे। इस योजना के तहत लक्षद्वीप जैसे छोटे, केंद्रशासित प्रदेश में शाह ने मई के तीसरे हफ्ते में बूथ विस्तारकों के साथ एक सभा की थी। शाह ने ये भी सुनिश्चित किया कि पार्टी के नेता और मंत्री दोनों ही समय-समय पर बूथ-लेवल संवाद करते रहें।
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