फर्जी GST के मामले में दो गिरफ्तार

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जीएसटी लागू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा फ्रॉड का मामला यूपी के कानपुर जिले से सामने आया है। इस मामले में जीएसटी महानिदेशालय की लखनऊ यूनिट ने बुधवार को कानपुर के दो व्यापारियों को साठ करोड़ की टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस चोरी को जीएसटी लागू होने के एक साल बाद पकड़ी गई अब तक की सबसे बड़ी टैक्स चोरी कही जा रही है।

फर्जी बिल जारी कर यह टैक्स चोरी की है

जीएसटी महानिदेशालय की लखनऊ यूनिट के अनुसार, आरोपियों ने करीब चार सौ करोड़ रुपये का फर्जी बिल जारी कर यह टैक्स चोरी की है। इन फर्जी बिलों के जरिए कई कंपनियों के मालिक आरोपी मनोज कुमार जैन और चंद्र प्रकाश तयाल जीएसटी की चोरी की। लखनऊ जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति कहा है कि मनोज कुमार जैन और चंद्र प्रकाश तयाल के कानपुर स्थित कई फार्मों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसके बाद बोगस बिल के जरिए टैक्स चोरी का सबसे बड़ा मामला सामने आया है।

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छापेमारी के दौरान यह भी बात सामने आई कि आरोपी सीमेंट, बिटुमेन, कच्चे चमड़े, प्लास्टिक के दाने, बीओपीपी फिल्मों और धातुओं की आपूर्ति के लिए फर्जी बिल जारी कर रहे थे। आरोपी ऐसे चालान अपने ग्राहकों को इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के जरिए लाभ पहुंचाने के लिए जारी कर रहे थे। पिछले एक साल में आरोपियों ने करीब 400 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी कर करीब 60 करोड़ रुपए की जीएसटी का चूना लगाया। दोनों आरोपियों ने जीएसटी रिटर्न में आईटीसी के माध्यम से जीएसटी का भुगतान दिखाया था, जिसे उन्होंने कभी ख़रीदा ही नहीं था।

कमीशन काटकर कैश में वापस कर देते थे

इतना ही नहीं दोनों आरोपियों ने ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से माल ढुलाई के लिए फर्जी तारीख का इस्तेमाल किया और फर्जी ई-वे बिल भी बनाए। माल ढुलाई के लिए वे आरटीजीएस के जरिए भुगतान करते थे। इसके बाद कमीशन काटकर कैश में वापस कर देते थे। डीजीजीआई लखनऊ जोनल यूनिट के अपर महानिदेशक राजेंद्र सिंह के निर्देश के बाद पूरे सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। जबकि डीजीजीआई, लखनऊ जोनल यूनिट के उप निदेशक कमलेश कुमार की देखरेख में छापेमारी की गईं

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