संकटमोचन संगीत समारोह में भजन सम्राट की प्रस्तुति से भावविभोर हुए दर्शक
मंगलवार को संकट मोचन संगीत समारोह में पांचवीं प्रस्तुति भजन सम्राट अनूप जलोटा की रही. मंच पर अनूप जलोटा के आते ही पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजने लगा. उन्होंने भी हर-हर महादेव के साथ जनता का अभिवादन किया. उन्होंने गायन की शुरुआत काशी बदली, अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है से की. इसके बाद जय बजरंग बली बोलो जय बजरंग बली… के बाद मेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम… सुनाया तो दर्शक दीर्घा में बैठे सभी लोगों ने राम-राम के जयघोष लगाये. वहीं दर्शकों की मांग को देखते हुए ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन… भजन की भी प्रस्तुति पेश की.
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संगीत में होते हैं सात सुर, नहीं होता आठवां सुर
भजन सम्राट जलोटा ने कहा कि संगीत में सिर्फ सात सुर ही होते हैं कोई आठवां सुर नहीं होता है. उनके मुताबिक संगीत कोई भी हो कभी खराब नहीं होता है बल्कि खराब होती है तो उस संगीत में इस्तेमाल होने वाली रचना. कहा कि संकटमोचन में प्रस्तुति से अधिक दूसरें कलाकारों को सुनने के कारण वह काशी के संकटमोचन मंदिर में आते हैं. बता देंं कि संकटमोचन आने से पहले ही वह अपने फेसबुक पेज से पल- पल की जानकारी साझा कर रहे थे.
25 वर्षों से दे रहे हैं प्रस्तुति
मंगलवार को संकटमोचन संगीत समारोह में बातचीत के दौरान अनूप जलोटा ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से संकटमोचन संगीत समारोह में प्रस्तुति दे रहे हैं. पिछला साल को यादगार बताते हुए कहा कि 100वें साल में 7 दिनों में 100 कलाकारों ने प्रस्तुतियां पेश की थीं, उनमें से एक वह भी अदना कलाकार थे. उन्होंने कहा कि जबतक उनके शरीर में प्राण रहेगा वह संकटमोचन के दरबार में आते रहेंगे. यहां वह अपनी बैट्री रिचार्ज करने आते हैं. यहां आना उनके लिए तीर्थ यात्रा के समान है. बताया कि पहले वह पत्नी मेधा के साथ आते थे. बताया कि पत्नी मेधा ने पंडित जसराज से गायन सीखा है. अब वह नहीं हैं तो अब वह अकेले ही मंदिर आते हैं.
मंगलवार के चलते रही भीड़
मंगलवार होने के कारण भक्तों की भीड़ संकटमोचन हनुमान के दर्शन के लिये पहुंची थी. वहीं मंदिर परिसर लोगो से खचाखच भरा रहा. वहीं संकटमोचन के आस-पास के इलाकों में जाम की स्थिति बनी रही.