अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुलह का फॉर्म्युला देने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने निकाल दिया है। मौलाना नदवी ने कुछ दिन पहले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर के साथ बेंगुलुरु में बैठक के बाद अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए फॉर्म्युला दिया था। उनके सुझावों से AIMPLB नाराज था और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक 4 सदस्यीय समिति का गठन किया था। AIMPLB ने शुक्रवार को ही हैदराबाद में अपनी बोर्ड मीटिंद में नदवी के फॉर्म्युले को सिरे से खारिज कर दिया था।
मस्जिद को न तो शिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है
AIMPLB के सदस्य कासिम इलयास ने मौलाना नदवी को निकाले जाने की जानकारी देते हुए रविवार को कहा, ‘समिति ने ऐलान किया कि AIMPLB अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा कि मस्जिद को न तो गिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है और न शिफ्ट किया जा सकता है। क्योंकि सलमान नदवी इस एकमत रुख के खिलाफ गए, इसलिए उनको बोर्ड से निकाला जाता है।’
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सुलह की कोशिश में लगा रहूंगा- मौलाना नदवी
AIMPLB की कार्रवाई से पहले मौलाना नदवी ने कहा था कि वह अयोध्या विवाद के निपटारे के लिए सुलह की कोशिशों में लगे रहेंगे। उन्होंने कहा कि श्री श्री ने 20 फरवरी को अयोध्या में दोनों पक्षों की मीटिंग का अनुरोध किया है। बता दें कि मौलाना नदवी ने विवादित स्थल पर मंदिर और किसी और जगह मस्जिद बनाने को लेकर 3 सुझाव दिए थे, जिन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और बाबरी मस्जिद से जुड़े दूसरे पक्षकारों ने खारिज कर दिया।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की हैदराबाद में शुक्रवार को तीन दिवसीय बोर्ड मीटिंग शुरू हुई। बोर्ड मीटिंग में मौलाना नदवी की आलोचना की गई। मौलाना नदवी भी हैदराबाद में गए थे और उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड मीटिंग में उनका अपमान किया गया। उन्होंने कमाल फारूकी और एस. क्यू. आर. इलयास पर अपने अपमान का आरोप लगाया था। मौलाना नदवी ने अपने फॉर्म्युले के बचाव में कहा कि वह शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र सुनिश्चित करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि AIMPLB में कुछ लोगों की तानाशाही चल रही है।
(साभार-नवभारत टाइम्स)