रूह कंपा देने वाले देश के अब तक के सबसे बड़े 7 रेल हादसे…

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पश्चिम बंगाल से सोमवार को बड़ा रेल हादसा सामने आया है, जिसमें कंचनजंगा एक्सप्रेस से मालगाड़ी की टक्कर हो गयी है. इस भीषण रेल हादसे में 16 लोगों की मौत हुई है वही 60 यात्री बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं. साथ ही प्राप्त जानकारी के अनुसार, सियालदह की तरफ जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे से गलत रूट पर आ रही मालगाड़ी से टक्कर हो गयी. इस टक्कर की वजह से तीन बोगी पटरी से नीचे उतर गयी.

बताया जा रहा है कि, दुर्घनाग्रस्त हुई ट्रेन में अभी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है, साथ ही घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि, डिब्बों को पीछे से टक्कर मारने वाले यात्री कोच नहीं थे. पुलिस ने ट्रेन हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची. स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. इस दुर्घटना ने अतीत में हुए बड़े हादसे की याद दिला दी है, आइए जानते हैं देश के सात महत्वपूर्ण हादसे कौन से हैं….

बालासोर रेल हादसा (2023)

2 जून 2023 को बालासोर जिले के बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन पर करीब तीन ट्रेनों की जबरदस्त टक्कर हुई थी, पूरे देश को इसने हिलाकर रख दिया था. इस भयानक हादसे में 293 लोग मारे गए थे. वहीं लगभग 1200 और लोग घायल हो गए थे. कोलकाता से चलने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा से गुजरने वाली थी, बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन के लूप लाइन में एक माल गाड़ी को पूरी रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन ने टक्कर मार दी. दोनों ट्रेनों के डिब्बे स्टेशन की सभी पटरियों पर गिर पड़े. इसके बाद में बेंगलुरू से कोलकाता जा रही एक ट्रेन ने इन्हीं डिब्बों से टकराया, यह ट्रेन दुर्घटना सिग्नल की समस्या से हुई थी.

फिरोजाबाद रेल हादसा (1995)

20 अगस्त 1995 को यह रेल दुर्घटना हुई थी, फिरोजाबाद रेल हादसे में 350 लोग मारे गए थे. वहीं चार सौ लोग घायल हो गए थे. उस समय कालिंदी एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी नीलगाय से टकरा गया थी, जिसकी वजह से वह रुक गयी थी. तभी फिरोजाबाद के उस ट्रेक पर 100 किमी की तेज रफ्तार से ट्रेन निकली और कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, यहां पुनर्वास ऑपरेशन लगभग तीन दिनों तक चला था.

खन्ना रेल हादसा (1998)

यह रेल हादसा 26 नवंबर 1998 को हुआ था, उस समय फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल जम्मूतवी सियालदह से टकरा गयी थी. पंजाब के खन्ना क्षेत्र में यह दुर्घटना हुई थी. टेंपल मेल के करीब छह डिब्बे ट्रेक से इस दुर्घटना में उतर गए था. यह भयानक हादसा इतना घातक था कि इसमें 212 लोगों की जान चली गई थी.

राजधानी एक्सप्रेस रेल हादसा(2002)

यह रेल हादसा 9 सितंबर 2002 को हुआ था, इसमें बिहार में कोलकाता-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी थी. ये हादसा रात 10.40 बजे हुआ था. यह हादसा डेहरी ऑन-सोन स्टेशनों के बीच रफीगंज स्टेशन के करीब हुआ, इस हादसे में 140 लोग मारे गए थे.

ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस रेल हादसा(2010)

यह हादसा 28 मई 2010 को हुआ था, इस हादसे में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस नक्सली हमले का शिकार रात 1:30 बजे पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में हुआ था. रेल ट्रेक धमाके से उड़ा गया था. इसके बाद लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डिलक्स एक्सप्रेस पटरी (मुंबई-हावड़ा-कुर्ला) दोनों पटरियों पर चली गई और एक मालगाड़ी से भिड़ गई थी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब तक इस हादसे में 170 लोग मारे गए थे.

सैंथिया रेल हादसा(2010)

 

यह दुर्घटना 19 जुलाई 2010 को हुई थी, इस हादसे में पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले सैंथिया में उत्तर बंग एक्सप्रेस ट्रेन इनसे टकरा गई थी, इस हादसे में 62 लोग मर गए थे, वही इस दुर्घटना में १५० से अधिक लोग घायल हो गए थे.

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बागमती रेल हादसा

यह हादसा आज से 42 साल पहले बिहार में हुआ था, ट्रेन यात्रियों से भरी हुई बागमती नदी में गिर गई थी. इसमें 238 लोग मर गए और सैकड़ों घायल हो गए थे. कहते हैं कि हादसा इतना भयानक था कि इसकी आवाज पांच किमी तक सुनाई दी थी.

 

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