जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए आतंकवादी मोहम्मद तौफिक के परिवारवालों ने कहा है कि उनका बेटा पथभ्रष्ट हो चुका था और उन्हें उसका शव नहीं चाहिए। जम्मू-कश्मीर के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने भी बात की पुष्टि की है कि तौफिक का शव लेने के लिए तेलंगाना से उसके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया है जबकि उनसे संपर्क किया गया था।
आतंकी बेटे के शव को लेने से पिता ने किया इंकार
भद्राद्री कोथागुडेम जिले में स्थित परमाणु ऊर्जा विभाग के हैवी वॉटर प्लांट में में काम करने वाले तौफिक के पिता ने कहा, ‘हमें जम्मू-कश्मीर सरकार से कोई सूचना नहीं मिली है लेकिन हम उसके शव पर दावा नहीं करेंगे। यह आवश्यक नहीं है। वह देश के लिए नहीं मरा है। वह पथभ्रष्ट हो गया था।’
एक साल पहले आतंकी तौफीक ने छोड़ा था घर
उधर, जिले की पुलिस ने कहा है कि तौफिक के परिवारवालों की तरफ से उसके लापता होने की कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई थी जबकि 1 साल पहले ही उसने घर छोड़ दिया था। पुलिस ने कहा, ‘हमने उसके परिवार से अभी बात नहीं की है लेकिन हम इस बात से आश्चर्य में हैं कि उन्होंने लापता होने की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।
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सोशल मीडिया के जरिए आतंकियों के संपर्क में था तौफीक
बता दें, तौफिक ने फेसबुक पर एक एकाउंट बनाया था और उसी के जरिए वह कश्मीर के अलगाववादियों के साथ संपर्क करता था। इसके बाद वह आतंकी संगठन में शामिल हो गया। एक आतंकी गुट के साथ काम करने के बाद वह अंसार जवतुल हिंद में शामिल हो गया था। गत 12 मार्च को कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तौफिक की मौत हो गई थी।
बताते हैं कि तौफिक के आतंकवादियों से जुड़ने की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। तौफिक और उसका पूरा परिवार छुट्टियां मनाने कश्मीर गया था। वहां से लौटने के बाद उसने कश्मीर में हिंसा के बारे में पड़ताल की और सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी सामग्री पढ़ने और देखने लगा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जब उसके पिता को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने तौफिक को डाटा था लेकिन उसका आतंकवादियों के प्रति रुझान बना रहा।’
नवभारत टाइम्स