अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों की ‘नापाक’ नजर
केंद्र सरकार रमजान के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को स्थगित रखने को लेकर फिलहाल ‘वेट ऐंड वॉच पॉलिसी’ पर काम कर रही है। इस बीच, एक सैनिक और पत्रकार की हत्या ने आतंकियों के बढ़ते हौसले की ओर भी ध्यान खींचा है। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट्स मिले हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रा में खलल डालने के लिए बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं। 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा 21 दिनों तक चलेगी।
बैठक में कोई निर्णय नहीं
रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को स्थगित करने के असर की समीक्षा के लिए गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस दौरान अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के बेहतर इंतजाम की भी चर्चा की गई। अमरनाथ यात्रा पर हमले का खतरा बना हुआ है। ऐसे में महबूबा सरकार ने केंद्र से 22 हजार अतिरिक्त जवान भी मांगे हैं।
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45 मिनट तक चली बैठक
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 45 मिनट तक चली बैठक के दौरान रमजान के बाद ऑपरेशन को स्थगित करने या आगे बढ़ाने पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि रमजान के बाद कश्मीरी मुसलमानों के लिए शांति की इस पहल की फिर से समीक्षा की जाएगी।
अमरनाथ यात्रियों में दहशत फैलाने की रच रहे साजिश
गृह मंत्रालय (MHA) के सूत्रों का कहना है कि खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि सुरक्षा बलों पर बड़े हमले के लिए आतंकी साजिश रच रहे हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान दहशत फैलाने के लिए आतंकी श्रद्धालुओं या सुरक्षाकर्मियों पर हमले के लिए IED का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मीटिंग में रमजान के दौरान हुए आतंकी हमलों पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया। वैसे, सरकार के भीतर एक पक्ष ऑपरेशन को आगे भी स्थगित रखने के पक्ष में है लेकिन अमरनाथ यात्रा में हमले की आशंका से सरकार को बड़ा राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में टॉप सिक्यॉरिटी मैनेजर्स फौरन किसी फैसले तक नहीं पहुंचे हैं।
ऑपरेशन को फिर से शुरू करने को लेकर सरकार पर RSS और बीजेपी का भी दबाव है, जो इस पहल के पक्ष में नहीं है। सेना भी शुरू में तैयार नहीं थी पर बाद में पाकिस्तान से लगती सीमा पर राज्य में आतंकी गतिविधियों पर फीडबैक जानने के लिए तैयार हो गई।