‘मन की बात’ के दस साल पूरे, भावुक होकर पीएम मोदी ने कहा- ”श्रोता ही असली सूत्रधार”

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हर महीने की तरह इस माह भी महीने के आखिरी रविवार को मन की बात का 114वां एपिसोड प्रसारित किया गया. वहीं यह एपिसोड हर महीने के एपिसोड से काफी खास रहा, क्योंकि आज की मन की बात में पीएम मोदी इस कार्यक्रम के दस साल पूरे होने पर भावुक हो उठे. वे इस दस साल के सफर के अच्छे अनुभवों को साझा करते हुए नजर आए . उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि, ”मन की बात कार्यक्रम को 10 साल पूरे हो चुके हैं. साल 2014 में 3 अक्टूबर को मन की बात कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी. उस दिन विजयादशमी का दिन था, यह बेहद सुखद संयोग है कि इस बार 3 अक्टूबर को नवरात्रि का पहला दिन है.”

पीएम मोदी श्रोताओं का किया धन्यवाद

संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने श्रोताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि, ”श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं. जब तक चटपटी और नकारात्मक बात न हो तब तक तवज्जों नहीं मिलती है. मगर मन की बात कार्यक्रम ने साबित किया है कि देश के लोगों में सकारात्मक जानकारी की कितनी भूख है. मन की बात के 10 साल की यात्रा ने ऐसी माला तैयार की है, जिसमें हर एपिसोड के साथ नई गाथाएं , नए कीर्तिमान और नए व्यक्तित्व जुड़ जाते हैं. सामूहिकता के साथ होने वाले हर कार्यक्रम को मन की बात में सम्मान मिलता है. पीएम मोदी ने टीवी चैनलों और प्रिंट मीडिया को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि इन सस्थानों ने कार्यक्रम को घर-घर पहुंचा दिया है.”

कब से हो रहा मन की बात का प्रसारण ?

साल 2014 में तीन अक्टूबर को मन की बात का कार्यक्रम का पहला एपिसोड आकाशवाणी पर प्रसारित किया गया था. इसका पहला एपिसोड 14 मिनट का रहा था. इसके बाद यह कार्यक्रम महीने के प्रत्येक रविवार को प्रसारित किया जाता था. वहीं साल 2015 में इसके प्रसारण में बदलाव करते हुए इसे महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाने लगा. मन की बात के अंग्रेजी संस्करण की शुरू 31 जनवरी 2016 को की गयी थी. साथ ही संस्कृत संस्करण की शुरूआत 28 मई 2017 को की गयी थी. ‘मन की बात’ का चौथा एपिसोड जनवरी 2015 में प्रसारण हुआ, तब से एपिसोड की अवधि 30 मिनट यानी आधे घंटे कर दी गई.

कितनी भाषाओं में होता है प्रसारित

आपको बता दें कि, पीएम मोदी की कार्यक्रम मन की बात देश की 23 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारित किया जाता है. इसमें से 25 बोलियां पूर्वोत्तर की और चार बोलियां छत्तीसगढ़ की है. इसके अलावा यह कार्यक्रम फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, अरेबिक और पश्तो समेत 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है.

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100 करोड़ ज्यादा लोग सुनते हैं मन की बात

IIM रोहतक के एक अध्ययन के अनुसार, 100 करोड़ लोग अब तक ‘मन की बात’ सुन चुके हैं, वहीं 99 प्रतिशत लोग इससे परिचित हैं. अध्ययन के अनुसार, 23 करोड़ लोग नियमित रूप से ‘मन की बात’ सुनते हैं, जबकि 41 करोड़ लोग कभी-कभी सुनते हैं. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘मन की बात’ ने जन आंदोलन को जन्म दिया है, इसने सतत विकास को भी प्रोत्साहित किया है. रिपोर्ट ने बताया कि, इस रेडियो कार्यक्रम ने सामाजिक व्यवहार को बहुत बदल दिया है.

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