सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से जुड़ी 10 खास बातें, जो शायद आपको नहीं होंगी पता
जस्टिस एन.वी. रमन्ना (NV Ramanna) देश के नये मुख्य न्यायाधीश (chief justice of india) होंगे. 24 अप्रैल को उन्हें पद की शपथ दिलायी जायेगी. जस्टिस रमन्ना देश के 48वें चीफ जस्टिस होंगे. इनके पहले 47 न्यायविद् देश के चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. पर क्या आपको मालूम है कि देश के पहले चीफ जस्टिस कौन थे? या कौन से चीफ जस्टिस का कार्यकाल सबसे लंबा था? देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से जुड़ी 10 खास बातें हम आपको बता रहे हैं. जो आपको नहीं पता होंगी.
देश के 10 चीफ जस्टिस से जुड़ी खास बातें-
1.देश के पहले चीफ जस्टिस (chief justice of india) हरिलाल जयकिसुनदास कनिया थे, इनकी नियुक्ति देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने की थी. जस्टिस कनिया चीफ जस्टिस होने से पहले बम्बई हाईकोर्ट में सीनियर एसोसिएट जज थे.
2.जस्टिस वाई वी चंद्रचूड देश के 16वें चीफ जस्टिस थे और इन्होंने बतौर चीफ जस्टिस (chief justice of india) सुप्रीम कोर्ट के सबसे लंबे अवधि तक कार्य किया था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक (2696 दिन)चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला था. इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने की थी.
3.जस्टिस केएन सिंह सुप्रीम कोर्ट के सबसे कम दिन तक कार्य करने वाले चीफ जस्टिस थे. इन्होंने 25 नवंबर 1991 से 12 दिसम्बर 1991 तक (17 दिन) के लिए चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला था. इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण ने की थी.
4.मधुकर हीरालाल कनिया भारत के 23वें चीफ जस्टिस और देश के पहले चीफ जस्टिस के भतीजे थे. इन्होंने 13 दिसंबर 1991 से 17 नंवबर 1992 तक बतौर चीफ जस्टिस कार्य किया था. इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति आर वेंकटरमण ने थी.
5.जस्टिस सर्व मित्र सीकरी देश के 13वें चीफ जस्टिस थे. जस्टिस सीकरी देश के पहले ऐसे चीफ जस्टिस थे जिन्हें बतौर एडवोकेट प्रैकिटस करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया था. जस्टिस सीकरी लाहौर हाईकोर्ट में वकालत करते थे. देश के आजाद होने के बाद उन्हें पंजाब का एडवोकेट जनरल बनाया गया. उसके बाद 1964 में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुए और 1971 में चीफ जस्टिस हुए.
6.बम्बई हाई कोर्ट ने देश को सर्वाधिक नौ चीफ जस्टिस दिये हैं. मुंबई हाई कोर्ट से देश का चीफ जस्टिस बनने वालों में जस्टिस एचजे कनिया, जस्टिस पीबी गजेंद्रगडकर, जस्टिस एम हिदायतुल्ला, जस्टिस जेसी शाह, जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़, जस्टिस एमएच कनिया, जस्टिस एस पी भरुचा, जस्टिस एसएच कापड़िया, और जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का नाम शामिल है.
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7.जस्टिस एम हिदायतुल्ला सुप्रीम कोर्ट के 11वें चीफ जस्टिस थे. खास बात ये कि जस्टिस एम हिदायतुल्ला ने देश के छठे वाइस प्रेसिडेंट के पद को भी सुशोभित किया था. इसके अलावा उन्होंने दो अवसरों पर भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी कार्यभार संभाला था.
8.जस्टिस हरिलाल जयकिसुनदास कनिया और जस्टिस सव्यसाची मुखर्जी दो ऐसे चीफ जस्टिस हुए जिनकी मृत्यु पद पर रहते हुए हुई. जस्टिस कनिया का देहांत 6 नवम्बर 1951 को तथा जस्टिस मुखर्जी का निधन 25 सितम्बर 1990 को हुआ था.
9.जस्टिस बीके मुखरीजा, जस्टिस केएस राव, जस्टिस आरएस पाठक, ऐसे चीफ जस्टिस थे जिन्होंने अलग अलग कारणों से कार्यकाल पूरा न करते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था.
10.राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद, नीलम संजीव रेड्डी और प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ऐसी राष्ट्रपति हुईं हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में सिर्फ एक-एक चीफ जस्टिस की नियुक्ति की. इन्होंने क्रमश: जस्टिस एम हिदायतुल्ला, जस्टिस मिर्जा हमीदुल्ला बेग, जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ व जस्टिस एसएच कापड़िया को चीफ जस्टिस पद की शपथ दिलायी थी.
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